चारधाम यात्रा में अब तक 56 लोगों की जान जा चुकी है जिनमें से 54 की मौत की वजह दिल का दौरा पड़ना पाया गया है।
बीते 24 घंटों में चारधाम यात्रा पर आए सात तीर्थयात्रियों की हृदय गति रुकने से मौत हो गई

शुक्रवार को बदरीनाथ धाम के दर्शन कर जोशीमठ लौटे भानुभाई (58) पुत्र नत्था भाई, निवासी सूरत गुजरत को अचानक सांस लेने में दिक्कत हुई। परिजन उन्हें सीएचसी जोशीमठ ले गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं, बदरीनाथ धाम में दोपहर करीब साढ़े तीन बजे महिला तीर्थयात्री वीणा बेन (55), निवासी गुजरात की तबीयत खराब हो गई। परिजनों ने उन्हें पीएचसी पहुंचाया, लेकिन इससे पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। सीएमओ डा. एसपी कुड़ियाल ने बताया कि दोनों की हृदय गति रुकने से मौत होने की आशंका है।

उधर, केदारनाथ में दो यात्रियों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। सीएमओ डॉ. बीके शुक्ला ने बताया कि शुक्रवार को धाम पहुंचे प्रदीप कुमार कुलकर्णी (61), निवासी सुंदपार्क, पुणे, महाराष्ट्र और बंशी लाल (57) निवासी गडचेली, थाना पिपलिया मंडी मंदसौर, मध्य प्रदेश की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। केदारनाथ यात्रा में अभी तक कुल 23 यात्रियों की मौत हो चुकी है, जिसमें 22 को दिल का दौरा पड़ा है। इसके अलावा ऋषिकेश में विभिन्न प्रांतों से आए तीन तीर्थयात्रियों की मौत हो गई।

इसमें चारधाम यात्रा से लौटे उत्तरप्रदेश के गोरखपुर निवासी अवधेश नारायण तिवारी (65) पुत्र शिव प्रसाद तिवारी की हालत मुनिकीरेती में गंगा स्नान के बाद बिगड़ी। वहीं ग्राम मध्य प्रदेश से आए 22 यात्रियों के दल में शामिल सौरम बाई (49) पत्नी अमर सिंह निवासी पीपल्दा धार की हालत खराब हुई। दोनों एसपीएस अस्पताल लाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं बृहस्पतिवार देर रात बस के पास बेहोश मिले उमेश दास जोशी (58) पुत्र विट्ठलदास राघव जोशी निवासी मलाड, मुंबई को लोगों ने अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

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