
पहाड़ पुत्र त्रिवेन्द्र के राज में सरकारी स्कूलों पर लौट रहा भरोसा
त्रिवेन्द्र राज में सरकारी स्कूलों पर लौट रहा भरोसा
आमतौर पर एक धारणा बनी हुई है कि सरकारी स्कूलों में बदइंतजामी की वजह से शिक्षण कार्य प्रभावित रहता है लेकिन यदि आपसे कहा जाये कि उत्तराखण्ड के कई सरकारी विद्यालय ऐसे भी हैं जो निजी स्कूलों से भी बेहतर हैं, तो क्या आप यकीन करेंगे। जी हां, त्रिवेन्द्र सरकार के प्रोत्साहन और सटीक दिशा-निर्देशन से शिक्षकों पर स्कूल की दशा सुधारने का जुनून सवार हुआ तो बड़े पैमाने पर सरकारी स्कूलों का कायाकल्प हो गया। दृढ़ इच्छाशक्ति के धनी ऐसे शिक्षकों ने दिल्ली से आकर सूबे की शिक्षा व्यवस्था को बदहाल बताने वाले आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की हरकत पर भी हैरानी जताई है।
आइए! जानते हैं उन प्रेरणादायी स्कूलों के बारे में जो गुणवत्ता शिक्षा की रोशनाई के बावजूद कहीं रोशनी में नहीं आते। उनकी पीड़ा है कि देखने वालों को खामियां दिखती हैं खूबियां नहीं।
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