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Tag: पहाड़ पुत्र त्रिवेंद्र ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के समाधि स्थल पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की

पहाड़ पुत्र त्रिवेंद्र ने गैरसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए 350 करोड़ स्वीकृत दी

पहाड़ पुत्र त्रिवेंद्र ने गैरसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए 350 करोड़ स्वीकृत दी

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गैरसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए 350 करोड़ स्वीकृतः मुख्यमंत्री -विधानसभा भवन परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री ने बजट में पहली बार किए गए प्रावधानों की भी दी जानकारी गैरसैंणः भराड़ीसैंण, गैरसैंण में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य के बजट में हर वर्ग का ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि गैरसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए सरकार ने पूरा खाका तैयार किया है। गैरसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए 350 करोड़ रूपए स्वीकृत हैं। वहीं, मुख्यमंत्री घस्यारी योजना से लेकर सौभाग्यवती योजना आदि के लिए पहली बार बजट में प्रावधान किया गया है। गैरसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए सरकार ने 350 करोड़ रूपए स्वीकृत हैं। इसमें अवस्थापना मद में 50 करोड़, चौखुटिया हवाई अड्डे के लिए 20 करोड़, सचिवालय के लिए 15 करोड़, विधानसभा भवन के लिए 19...
पहाड़ पुत्र त्रिवेंद्र ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली  के समाधि स्थल पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की,  अब   10 वर्षों में 25 हजार करोङ रूपए से गैरसैंण परिक्षेत्र में प्रदेश की राजधानी के अनुरूप अवस्थापना सुविधाओं का विकास

पहाड़ पुत्र त्रिवेंद्र ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के समाधि स्थल पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की, अब 10 वर्षों में 25 हजार करोङ रूपए से गैरसैंण परिक्षेत्र में प्रदेश की राजधानी के अनुरूप अवस्थापना सुविधाओं का विकास

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मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दूधातोली में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी के समाधि स्थल पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी एक महान देशभक्त के साथ दूरदृष्टा भी थे। उन्होंने पहाड़ की पीड़ा को समझा था। वे दूरस्थ क्षेत्रों के विकास की बात उठाते रहे। दृढ़ निश्चय के धनी थे। वे हम सभी को हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।  राज्य निर्माण आंदोलन के शुरूआती दौर से ही गैरसैण को राजधानी बनाने की संकल्पना हर आंदोलनकारी के मन में रही।  गैरसैंण भराङीसैण विधानसभा भवन का नाम भी चंद्र सिंह गढ़वाली जी के नाम पर ही है। हमने प्रदेशवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए गैरसैंण को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया है। केवल घोषणा ही नहीं की बल्कि अगले 10 वर्षों में 25 हजार करोङ रूपए से गैरसैंण परिक्षेत्र में प्रदेश की राजधानी के अनुरूप अवस्थापना सुविधाओं का विका...