रूमेटिक हार्ट डिजीज से पीड़ित थे दोनों मरीज़
रूमेटिक हार्ट डिजीज से पीड़ित थे दोनों मरीज़
श्री महंत इंदिरेश अस्पताल देहरादून के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने रुमेटिक हार्ट डिजीज से पीड़ित 26 वर्षीय गर्भवती महिला और 16 वर्षीय युवती के सिकुड़े वाल्व का बैलून माइट्रल वाल्वो-टामी (बी.एम.वी) तकनीक से सफलतापूर्वक उपचार किया है। बैलून माइट्रल वाल्वो-टामी (बी.एम.वी) तकनीक हार्ट रोगियों के उपचार की एक एडवांस तकनीक है।
रुमेटिक हार्ट डिजीज से पीड़ित गर्भवती महिला प्रियंका (26 वर्ष) का 2017 में ओपन हार्ट के द्वारा वॉल्व रिपेयर किया गया था। कुछ सालों के बाद यह वाल्व दोबारा सिकुड़ गया। बहुत से अस्पतालों ने पीड़ित महिला को दोबारा इलाज के लिये बड़े शहरों के अस्पताल में ले जाने की सलाह दी। तब गर्भवती महिला ने श्री महंत इंदिरेश अस्पताल देहरादून में कार्डियोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अभिषेक मित्तल को बीमारी के बारे में बताया। डॉ अभिषेक मित्त...