
सुपर मार्केट’ से कम नहीं ख्यार्सी का ‘ग्रोथ सेंटर’
'सुपर मार्केट' से कम नहीं ख्यार्सी का ‘ग्रोथ सेंटर’
देहरादून। सरकार के ग्रोथ सेंटर कॉसेप्ट ने ख्यार्सी के काश्तकारों की तकदीर बदल कर रख दी है। परम्परागत के बजाय वैज्ञानिक तरीके से खेती कैसे की जाती है ? कैश क्राप का उत्पादन फायदेमंद क्यों है ? स्थानीय उपज को मूल्यवर्धित उत्पाद (वैल्यू एडेड) में कैसे तब्दील किया जाता है ? ये सब बातें किसानों को इस ग्रोथ सेंटर में सिखाई जाती हैं। काश्तकारों को यह भी ट्रेनिंग दी जाती है कि उत्पादों की आकर्षक पैकेजिंग किस तरह की जाए ताकि मल्टीनेशनल कम्पनियों आपके गांव तक खींची चली आएं। इन्हीं मूल मंत्रों के बूते ख्यार्सी के ग्रोथ सेंटर का सालाना टर्न ओवर महज एक वर्ष में 29 लाख रूपये से ऊपर पहुंच गया है। काश्तकार खुश हैं क्योंकि बिजनेस का लाभांश सीधे उनकी जेब में जा रहा है।
उत्तराखण्ड की त्रिवेन्द्र सरकार का फोकस किसानों की आय दोगुना करने पर है। किसान आर्...