
उत्तराखंड:यहाँ है पलायन की मार, वीरान पड़े गांव में अकेली पर्व मनाती हैं डिकरी देवी
लोहाघाट विकास खंड के बाराकोट ब्लॉक के ग्राम काकड़ में फूलदेई के अवसर पर सन्नाटा पसरा रहा। गांव में रहने वाली इकलौती महिला ने इस गांव के बंजर घरों में से पड़ोस के कुछ घरों की दहलीज पर सोमवार को फूल और अक्षत चढ़ाए। बताया जा रहा है कि करीब डेढ़ दशक पूर्व सुविधाओं के अभाव में गांव के लोग पलायन कर गए थे।
बाराकोट में काकड़ ग्राम सभा के तोक बांस बगौला, किमतोला, बंतोला, खेतड़ी, चमौला में करीब 90 परिवार सड़क, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में पलायन कर चुके हैं। मुख्य सड़क से करीब सात किलोमीटर दूर इन पूरे तोक में मात्र एक 56 वर्षीय महिला डिकरी देवी ही रहती है। जो हर त्यौहार को अकेले गांव में रहकर मनाती हैं।
इस बार भी फूलदेई पर डिकरी देवी ने सरसों आदि के फूलों से वीरान पड़े लोगों के घरों की देहरियों को सजाया। डिकरी देवी कहती हैं कि डेढ़ दशक पूर्व यहां बहुत चहल-पहल हुआ करती थी। लेकिन अब गांव में ...