
शहादत को नमनः बहादुर अफसर शहीद विक्रम बत्रा के नाम से कांपते थे दुश्मन, जानिए कैसे पड़ा शेरशाह नाम…
पहाड़ की जवानी देश पर कुर्बान होती है। आज हम एक ऐसे शहीद की बात कर रहे है जिन्होंने देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। हिमाचल प्रदेश का बहादुर अफसर आज ही के दिन देश पर कुर्बान हो गया था। दुश्मन भी इनके नाम से थर-थर कांपते थे। 9 सितंबर 1974 को कांगड़ा जिले के पालमपुर में घुग्गर गांव में जन्मे शहीद विक्रम बत्रा को उनकी बहादुरी के कारण दुश्मन भी उन्हें शेरशाह के नाम से जानते थे। परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा 22 साल पहले 7 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में देश के लिए शहीद हो गए थे।
विक्रम बत्रा की शहादत के बाद प्वाइंट 4875 चोटी को बत्रा टॉप का नाम दिया गया है। हालांकि, कारगिल युद्ध के 22 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन इस युद्ध के हीरो के अदम्य साहस और वीरता की कहानियां आज भी हमारी रगों में जोश भर देती हैं। शहीद विक्रम बत्रा ने 1996 में इंडियन मिलिटरी अकादमी में दाखिला लिया था। 6 दि...