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28 जनवरी 2025 से राष्ट्रीय खेलों का आगाज हुआ और प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन किया और शुभारंभ के बाद भी धामी समय-समय पर राष्ट्रीय खेलों के विभिन्न आयोजनों में सम्मिलित होकर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते रहे।  

 

28 जनवरी 2025 से राष्ट्रीय खेलों का आगाज हुआ और प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन किया और शुभारंभ के बाद भी धामी समय-समय पर राष्ट्रीय खेलों के विभिन्न आयोजनों में सम्मिलित होकर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते रहे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी राष्ट्रीय खेलों में अपना गोल्ड मेडल पक्का कर लिया है अब आप यह सोच रहे होंगे कि पुष्कर धामी तो राष्ट्रीय खेलों की किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले रहे हैं फिर यह गोल्ड मेडल वाली बात क्या है ?

तो आइए एक नजर डालते हैं राष्ट्रीय खेलों की इस विशेष रिपोर्ट पर !

जब देवभूमि उत्तराखंड को 38वें राष्ट्रीय खेलों की जिम्मेदारी मिली तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि उत्तराखंड इस जिम्मेदारी को इतनी बखूबी निभाएगा कि बड़े से बड़े राष्ट्रीय रिकॉर्ड यहां की धरती पर टूटेंगे। छोटा और हिमालयी राज्य होने के बावजूद भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राष्ट्रीय खेलों की ऐसी तैयारी हुई की उत्तराखंड की चारों ओर वाहवाई हो रही है।

जैसे ही उत्तराखंड को 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली तो मुख्यमंत्री धामी तुरंत ग्राउंड जीरो पर उतरे और स्वयं सभी व्यवस्थाओं को बखूबी परखा। जहां जैसी जरूरत थी वैसा खेल इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूती के साथ तैयार हुआ। इसलिए तो उत्तराखंड ने यह रिकॉर्ड भी अपने नाम किया कि राष्ट्रीय खेलों की कोई भी प्रतियोगिता राज्य के बाहर नहीं हुई, नहीं तो अमूमन शूटिंग और वेलोड्रोम साइकिलिंग जैसी प्रतियोगिताओं के लिए दिल्ली की तरफ रुख करना पड़ता था।

तो अब यह कहा जा सकता है कि राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड पूरी तरह से आत्मनिर्भर रहा। 28 जनवरी 2025 से राष्ट्रीय खेलों का आगाज हुआ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया। शुभारंभ के बाद भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समय-समय पर राष्ट्रीय खेलों के विभिन्न आयोजनों में सम्मिलित होकर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते रहे। ऊधम सिंह नगर में तो पुष्कर धामी एक अलग अंदाज में नजर आए जब खुद साइकिल थाम कर एक नई रफ्तार से साइकिलिंग ट्रेक पर ग्रीन गेम्स का संदेश दे रहे थे।

मौली संवाद जैसे भी और अन्य कार्यक्रम हुए जिसमें सीएम धामी ने अपने अनुभवों से राज्य में बेहतर खेल इंफ्रास्ट्रक्चर को सबके सामने रखा। इतना ही नहीं इस बार उत्तराखंड ने राष्ट्रीय खेलों में ऊंची छलांग लगाते हुए पदक तालिका में अपनी मजबूत स्थिति बनाई है और राज्य के युवा एथलीट 100 से अधिक मेडल जीतने के करीब हैं।

तो शुरुआत में हमने बात की थी कि किस तरह से पुष्कर सिंह धामी ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया है, तो ये गोल्ड मेडल है उत्तराखंड में बेहतर हो रहे खेल इंफ्रास्ट्रक्चर का, यह गोल्ड मेडल है उत्तराखंड में खिलाड़ियों के स्वर्णिम भविष्य का, यह गोल्ड मेडल है एक युवा सीएम के खिलाड़ियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उन्हें प्रोत्साहित करने का।

निश्चित तौर पर इन राष्ट्रीय खेलों की व्यवस्थाओं और राज्य के उभरते हुए खिलाड़ियों से यह कहा जा सकता है कि पुष्कर सिंह धामी राज्य को खेल भूमि बनाने की दिशा में भी तेजी से कार्य कर रहे हैं।

अब, 14 फरवरी को उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों का समापन होगा, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शिरकत करेंगे। यह समापन समारोह उत्तराखंड के लिए नई उम्मीदों और खेलों में एक नई दिशा की शुरुआत का प्रतीक होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल और राज्य सरकार की कड़ी मेहनत से उत्तराखंड ने यह साबित कर दिया कि यह राज्य अब केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए नहीं, बल्कि खेलों में भी अपनी पहचान बना रहा है।

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