दुखद: त्रिशूल चोटी पर रेस्‍क्‍यू के दौरान चार जवानों के शव बरामद, अभी एक जवान और पोर्टर लापता

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बीते शुक्रवार को माउंट त्रिशूल की चोटी पर पर्वतारोहण करने के दौरान नौसेना के 5 जवान समेत 6 लोग हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे. शुक्रवार को जोशीमठ में मौसम खराब होने के कारण राहत-बचाव टीम आगे नहीं बढ़ पाई थी. इसलिए नौसेना के जवानों सहित अन्य व्यक्ति की तलाश के लिए आज शनिवार सुबह 7 बजे रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया था हालांकि, रेस्क्यू टीम ने शुक्रवार को ही 5 पर्वतारोहियों को सकुशल ढूंढ लिया था. रेस्क्यू टीम ने जानकारी देते हुए बताया कि रेस्क्यू के दौरान हिमस्खलन वाले क्षेत्र में बर्फ में उनको चार व्यक्ति पड़े हुए दिखे लेकिन उनकी ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखी जिसके बाद उनको निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया गया, और कुछ घंटे बाद ही निम और सेना की टीम ने चारों के शव बरामद कर लिए. लेकिन अभी भी दो लापता लोगों की तलाश जारी है. 

 

बता दे कि तीन सितंबर को मुंबई से नौसेना का 20 सदस्यीय दल त्रिशूल पर्वत की चोटी आरोहण करने के लिए रवाना हुआ।
साल 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे स्वर्णिम विजय वर्ष के तहत नौसेना के पर्वतारोही माउंट त्रिशूल अभियान पर निकले हैं।
7120 मीटर ऊंची यह चोटी उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में है। वीरवार को छह हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित कैंप-तीन से नौसेना के 10 पर्वतारोही आगे बढ़े।
शुक्रवार सुबह लगभग 6700 मीटर की ऊंचाई के आसपास दल के पांच सदस्य और एक पोर्टर एवलांच की चपेट में आ गए। इस पर बाकी सदस्य अभियान रोक कर वापस कैंप में लौट आए। लापता सदस्यों की खोजबीन के लिए शुक्रवार दोपहर बाद से रेस्क्यू चल रहा है। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम), ओर हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग (हवास), जुटे हुए थे

निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि शनिवार सुबह त्रिशूल चोटी पर करीब 5700 मीटर ऊंचाई पर हिमस्खलन वाले क्षेत्र में चार व्यक्ति बर्फ में पड़े हुए दिखाई दिए। उनकी ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दिखी है। दोपहर के समय हेलीकाप्टर के जरिये हवास के प्रशिक्षकों के साथ ही निम और सेना के जवानों का संयुक्त दल कैंप-एक के निकट पहुंचा। इस बीच, हवास के पांच सदस्यीय दल को 5500 मीटर की ऊंचाई पर बने कैंप-एक में उतारा गया। दल के कैंप-दो तक पहुंचने की सूचना है। रेकी में दिखे चार पर्वतारोही इससे कुछ दूरी पर ही हैं। रविवार सुबह दल के उन तक पहुंचने की उम्मीद है।

सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि त्रिशूल पर्वत पर अभियान के दौरान हिमस्खलन के कारण चार नौसेना पर्वतारोहियों के हताहत होने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर मैं गहरा दुख और संवेदना व्यक्त करता हूं।

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