गौरवान्वित हुई देवभूमिः यूं ही नहीं कोई त्रिवेंद्र बन जाता

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गौरवान्वित हुई देवभूमिः यूं ही नहीं कोई त्रिवेंद्र बन जाता
देहरादूनः बीस साल के हो चुके उत्तराखंड प्रदेश ने तमाम उतार चढ़ाव झेलते हुए भले ही विकास के कई पायदान चढ़े हों, लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में सूबे को जो पहचान अखिल भारतीय स्तर पर मिली है वह पूरे प्रदेश की जनता को गौरान्वित करने वाली है। जनहित के प्रयास बेहतर और उत्कृष्ट रहे तो देवभूमि के मस्तक पर उपलब्धियों के ताज सजते गए। यही उपलब्धियां सीएम त्रिवेंद्र को देवभूमि के जन जन का प्रिय बनाती हैं।
बात उन सम्मानों की हो रही जो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कुशल नेतृत्व में प्रदेश को उसके उत्कृष्ट कामों के बूते हासिल हुए हैं। किसानों का मसला गरम है तो पहले खेती की ही बात की जाए। प्रदेश को खाद्यान्न उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए लगातार दूसरी बार कृषि कर्मण प्रशंसा पुरस्कार से नवाजा गया है। यानी कृषि सुधारों के मामले में त्रिवेंद्र सरकार पहले से सही संजीदा रही। गन्ना किसानों के लंबित देयकों का भुगतान कर भी त्रिवेंद्र ने साफ कर दिया है कि जय जवान जय किसान जैसे नारे के उनके लिए क्या मायने हैं।
उचित प्रबंधन और नियोजन की बात करंे तो नीति आयोग ने जो भारत नवाचार सूचकांक 2019 जारी किया है, उसमें उत्तराखंड सर्वश्रेष्ठ तीन राज्यों में शामिल है। यानी त्रिवेंद्र के कुशल प्रबंधन पर अखिल भारतीय स्तर पर भी मुहर पक्की लगी है।
वहीं स्वच्छ भारत मिशन की बात करें, तो इसमें बेहतर प्रदर्शन के लिए कई तमगे प्रदेश के सीने पर सजे हैं। उत्तराखंड में गांव-गांव और शहर शहर स्वच्छ भारत अभियान की जोत जलाई गई। गांवों से लेकर शहरों तक आम लोगों ने इस अभियान सहभाग किया। नतीजा यह हुआ है कि स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तराखंड को एक नहीं दो नहीं पूरे सात पुरस्कार हासिल हुए।
आज जिसे समाज की बड़ी उपलब्धियों में गिना जाता है निसंदेह ही वह बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान है। मानव समाज यह अत्यंत सुखद पहलू है, जिस पर देर से सही लेकिन काम हो रहा है। यहां भी सूबे के मुखिया सीएम त्रिवेंद्र की पीठ थपथपाई जानी चाहिए। क्योंकि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में प्रदेश के ऊधमसिंह नगर जिले को देश के सर्वश्रेष्ठ 10 जिलों में चुना गया। और अन्य जनपदों की स्थिति भी अन्य प्रांतों से कहीं बेहतर है।
किसी प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का सामथ्र्य वहां के मातृत्व मृत्यु दर के आंकड़े पर भी काफी हद तक निर्भर करता है। इसमें देवभूमि के हर वासिंदे को अपने मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत का शुक्रिया अदा करते हुए इस उपलब्धि पर गौरान्वित होना चाहिए कि मातृत्व मृत्यु दर में सर्वाधिक कमी के लिए देश में भी देवभूमि अव्वल रही और इसके लिए देवभूमि राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत भी हुई। बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का तमगा भी त्रिवेंद्र के राज में ही सूबे को मिला।
जाहिर सी बात है कि जिन क्षेत्रों में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में चल रहे उत्तराखंड को अखिल भारतीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया है उन कार्यों पर कोई चाहते हुए भी सवाल नहीं उठा सकता। सीएम त्रिवेंद्र की यह वो सफलताएं हैं जिनका डंका पूरे देश में बजा है। देव भूमि के मस्तक पर सजे यह तो निश्चित रूप से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को जन नेता तो बनाते ही हैं राष्ट्रीय स्तर पर भी उन्होंने प्रदेश को अलग पहचान दिलाई है।

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