मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए सूबेदार अजय सिंह और नायक हरेंद्र सिंह के पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने उनकी शहादत को नमन करते हुए कहा कि राज्य सरकार शहीदों के परिजनों के साथ हर समय खङी है।  

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, स्वामी यतीश्वरानंद ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। 

 

राज्य के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने आज जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंच कर शहीदों के पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजली अर्पित की। जम्मू-कश्मीर में पुंछ जिले के मेंढर सेक्टर के नरखास के जंगलों में आतंकियों की तलाश में चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान हुई मुठभेड़ में उत्तराखंड के दो सपूत सूबेदार अजय सिंह और नायक हरेंद्र सिंह शहीद हो गए। दोनों वीर शहीदों के पार्थिव शरीर को विशेष विमान से जौलीग्रांट लाया गया है, जहां से उनके पैत्तृक गांव पहुंचा जाएगा।

 

प्रदेश के सैन्य कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सेना के हवाले से बताया कि जम्मू.कश्मीर में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में उत्तराखंड के दो जवान शहीद हो गए थे। शहीद सूबेदार अजय सिंह टिहरी जनपद के, जबकि नायक हरेंद्र सिंह पौड़ी जिले के निवासी हैं। सूबेदार अजय सिंह और नायक हरेंद्र सिंह जंगलों में छिपे आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए सुरक्षा बलों की ओर से शुरू किए गए तलाशी अभियान का हिस्सा थे। बताया गया कि 14 अक्टूबर 2021 को आतंकवादियों के साथ भीषण गोलाबारी के बाद सूबेदार अजय सिंह और नायक हरेंद्र सिंह के साथ कम्युनिकेशन नेटवर्क बंद हो गया था।

आतंकवादियों को ढेर करने और सैनिकों के साथ कम्युनिकेशन बहाल करने के बाद अथक तलाशी अभियान जारी रहा। इस दौरान शनिवार शाम को सूबेदार अजय सिंह और नायक हरेंद्र सिंह के शव बरामद किए गए।
सूबेदार अजय सिंह, रामपुर ग्राम, तहसील नरेंद्र नगर, टिहरी के और शहीद नायक हरेंद्र सिंह ग्राम पीपलसारी, पोस्ट रिखनीखाल तहसील लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले थे। अमर शहीदों ने देश सेवा के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया हैए जिसको कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

 

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड वीरों की धरती हैए राज्य के वीर सपूत अपनी जान देकर कर भी भारत माता की रक्षा के अपने प्रण को निभाहते हैं। हमारी सरकार वीर सपूतों की अमर शहादत को नमन करती है। शहीदों के परिवारजन हमारी जिम्मेदारी हैं। हालांकि परिवारजनों की इस क्षति को पूरा नहीं किया जा सकता परंतु राज्य सरकार शहीदों के परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी सहित हर सम्भव सहायता के लिए प्राथमिकता से कार्य कर रही है।

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