उत्तराखंड के कोटद्वार निवासी हवलदार महावीर सिंह गुसाईं उम्र 47 वर्ष मणिपुर में ड्यूटी करते हुए शहीद हो गए। 20 आसाम राइफल में तैनात कोटद्वार निवासी हवलदार महावीर का ड्यूटी के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।कोटद्वार निवासी हवलदार महावीर सिंह गुसाईं उम्र 47 वर्ष मणिपुर में ड्यूटी करते हुए शहीद हो गए। 20 आसाम राइफल में तैनात कोटद्वार निवासी हवलदार महावीर का ड्यूटी के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
बटालियन ने कोटद्वार भाबर स्थित घमंडपुर गांव में परिजनों को यह सूचना दी है। सूचना मिलते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। शहीद महावीर का पार्थिव शरीर आज घर पहुंचेगा। जहां अंतिम सलामी और दर्शनों के बाद अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार ले जाया जाएगा। शहीद के बड़े भाई रणवीर सिंह गुसाई ने बताया कि बटालियन की ओर से उनके निधन की सूचना मिली। शुक्रवार रात उनका पार्थिव शरीर दिल्ली लाया जा रहा है। सड़क मार्ग से शनिवार सुबह पार्थिव शरीर गांव लाया जाएगा।
परिजनों के अनुसार इन दिनों वे मणिपुर में तैनात थे। तीन दिन पहले 6 जुलाई को ही वे छुट्टी काटकर मणिपुर लौटे थे। वे अपने पीछे पत्नी, एक बेटा और बेटी को छोड़ गए हैं। शहीद महावीर इस छुट्टी में अपनी बेटी गीता की सगाई करके गए थे। उन्होंने अगले साल जनवरी या फरवरी में छुट्टी लेकर घर आने का वादा किया था ताकि बेटी के विवाह की तैयारियां कर सकें। उनके निधन की खबर से परिजन सदमे में है। शहीद महावीर सिंह गुसाईं चार भाइयों में तीसरे नंबर के थे। उनके दो बड़े भाई भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हैं और छोटा भाई दिनेश गुसाईं भी आसाम राइफल में सेवारत है। पार्षद कुलदीप सिंह रावत ने बताया कि महावीर गुसाईं व्यवहार कुशल व्यक्ति थे। उनके निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है।