उत्तराखंड में महिला मतदाताओं ने एक बार फिर लोकतंत्र के महोत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। महिला मतदाताओं ने मतदान के प्रति जागरूकता दिखाते हुए पुरुषों की तुलना में 4.60 प्रतिशत अधिक मतदान किया। प्रदेश में कुल 65.37 प्रतिशत मतदान हुआ। इसमें महिलाओं ने 67.20 प्रतिशत, तो पुरुषों ने 62.60 प्रतिशत मतदान किया। यह अलग बात है कि इस बार राजनीतिक दलों ने महिलाओं को टिकट देने में कंजूसी दिखाई, लेकिन महिलाओं ने अधिक मतदान कर अपनी राजनीतिक जागरूकता का परिचय दिया।
राज्य में इस विधानसभा चुनाव में कुल 8172173 सामान्य और 94471 सर्विस मतदाता थे। सामान्य मतदाताओं में से कुल 5342462 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। यह कुल मतदाताओं का 65.37 प्रतिशत है। यह वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव से 0.19 प्रतिशत कम है। वर्ष 2017 में 65.56 प्रतिशत मतदान हुआ था। तब महिलाओं का मतदान प्रतिशत 68.72 और पुरुषों का मतदान प्रतिशत 61.11 रहा था।
राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा बुधवार देर शाम जारी मतदान के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में इस बार सबसे अधिक मतदान हरिद्वार जिले में 74.77 प्रतिशत और ऊधमसिंह नगर जिले में 72.77 प्रतिशत हुआ। सबसे कम मतदान अल्मोड़ा में 53.71 प्रतिशत और पौड़ी में 54.87 प्रतिशत रहा। बात करें महिला मतदाताओं की तो उन्होंने इस चुनाव में एक बार फिर अपनी जोरदार उपस्थिति का अहसास कराया है। प्रदेश के 13 जिलों में से 12 जिलों में महिला मतदाताओं ने पुरुष मतदाताओं से अधिक मतदान किया। यहां पुरुष व महिला मतदाताओं के बीच मतदान का अंतर दो से लेकर 14 प्रतिशत तक रहा। केवल हरिद्वार ही एकमात्र ऐसा जिला रहा, जहां पुरुष मतदाताओं ने महिला मतदाताओं से अधिक वोट डाला। यहां पुरुष व महिला मतदाताओं के बीच केवल 1.38 प्रतिशत का अंतर रहा।

प्रदेश में चार विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें 50 प्रतिशत से कम मतदान हुआ। इनमें सल्ट 45.92 प्रतिशत, प्रतापनगर 49.99 प्रतिशत, चौबट्टाखाल 45.33 प्रतिशत और लैंसडौन 48.12 प्रतिशत शामिल हैं। 18 सीटें ऐसी रहीं, जहां 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। सबसे अधिक 81.94 प्रतिशत मतदान हरिद्वार ग्रामीण में हुआ। वहीं, प्रदेश की 53 सीटों पर महिला मतदाताओं ने पुरुष मतदाताओं की तुलना में अधिक मतदान किया।