मुजफफरनगर: उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 2 अक्टूबर रामपुर तिराहा कांड की 26वीं बरसी पर आंदोलनकारी शहीदों को याद करते हुए शहीद स्थल पर फूल अर्पित कर आंदोलनकारियों की शहादत को नमन किया। सीएम सुबह 11 बजे मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा के शहीद स्थन पर पहुंचे और  शहीदों को श्रद्धांजलि दी.

उन्होंने कहा कि 1994 में आज ही के दिन दिल्ली की ओर कूच कर रहे उत्तराखंड के सैकड़ों आंदोलनकारियों पर मुजफ्फरनगर पुलिस ने रामपुर तिराहे पर लाठीचार्ज और फायरिंग शुरू कर दी थी, जिसमें कई आंदोलनकारी शहीद हो गए थे। हम उन सभी माताओं-बहनों को भी स्मरण करते हैं जिन्होंने राज्य निर्माण के लिए अनेकों कष्ट और अत्याचार सहे। मुजफ्फरनगर गोली कांड में शहीद हुए सभी आंदोलनकारियों को कोटि-कोटि नमन।

सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि ‘राज्य निर्माण के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले अमर शहीदों को मैं श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। अमर शहीदों की कुर्बानियों को सदैव याद रखा जाएगा।  साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को देश का आदर्श राज्य बनाने के लिए हम सभी को एकजुट होकर काम करना है। जिससे राज्य आंदोलन के शहीदों के सपनों के अनुरूप प्रदेश का चहुंमुखी विकास किया जा सके। राज्य सरकार राज्य आंदोलनकारियों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है। इस दौरान उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत भी मौजूद रहे।

 

शहीद स्मारक ने दी श्रद्धांजलि

सीएम त्रिवेंद्र ने रामपुर तिराहा कांड की 26वीं बरसी पर देहरादून कचहरी स्थित शहीद स्मारक पर उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के शहीदों को श्रद्धाजंलि अर्पित की। उन्होंने कहा किराज्य निर्माण के लिए कई लोगों ने अपने प्राणों का बलिदान किया था। उत्तराखंड के वीर सपूत, जिन्होंने राज्य निर्माण के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए, उन सभी को कोटिशः नमन।

गांधी पार्क में किया माल्यार्पण

इससे पहले सीएम त्रिवेंद्र राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 151वीं जयंती के अवसर पर गांधी पार्क, देहरादून पहुंचे जहां उन्होंने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के कुशासन के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन की अलख जलाने वाले साबरमती के संत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने सत्य और अहिंसा की राह पर चलकर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। देश की आजादी के लिए बापू के त्याग और बलिदान को सदैव याद किया जाएगा। बापू के चरखे ने स्वावलंबन का संदेश दिया और स्वच्छता को जीवन बताया। समाज की बेहतरी के लिए बापू के सिद्धांतों का आज भी अक्षरशः पालन हो रहा है। राष्ट्र के पिता और साबरमती के संत को उनकी जयंती पर कोटिशः नमन, वंदन।

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