वेतन समिति गठित विरोध शुरू: इंदु कुमार पांडे की अध्यक्षता में चार सदस्यीय वेतन विसंगति समिति गठित, सचिवालय संघ ने जताया एतराज, 5 अगस्त को बुलाई बैठक
देहरादून: धामी सरकार ने आए दिन की कार्मिकों की वेतन-भत्तों और ग्रेड पे जैसे मसलों पर सामने आ रही नाराजगी के मद्देनज़र 27 जुलाई की कैबिनेट में इसे लेकर कमेटी बनाने का फैसला किया था। राज्यपाल की मंजूरी के बाद सोमवार को पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे की अध्यक्षता में चार सदस्यीय वेतन विसंगति समिति का गठन हो गया है। यह समिति अगले तीन माह में समस्त विभागों के वेतन-भत्तों संबंधी विसंगतियों पर सरकार को अपनी सिफ़ारिशें देगी। समिति में अध्यक्ष इंदु कुमार पांडे के अलावा सदस्य के तौर पर अपर सचिव वित्त अमिता जोशी, अपर सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा अरूणेन्द्र सिंह चौहान तथा सदस्य सचिव के रूप में पदेन अपर सचिव, वित्त अनुभाग-7 रहेंगे। लेकिन कमेटी बनने के साथ ही इसका विरोध भी शुरू हो गया है।
उत्तराखंड सचिवालय संघ ने आरोप लगाया है कि वेतन विसंगति को लेकर पूर्व में बनी इंदु कुमार पांडे समिति का अनुभव कार्मिकों के लिए निराशाजनक रहा है लिहाजा सरकार कमेटी गठन के फ़ैसले पर पुनर्विचार करे।
सचिवालय संघ द्वारा जारी लिखित बयान में कहा गया है कि इंदु कुमार पांडे समिति का कार्मिकों के वेतन भत्तों एवं वेतन विसंगति के मामलों में पूर्व का अनुभव बेहद निराशाजनक रहा है। समिति के अध्यक्ष के रूप में पूर्व CS इंदु कुमार पांडे ने कार्मिक वर्ग की मनोदशा को न समझकर हमेशा सरकार के पक्ष में ही कार्य किया है। लिहाजा वेतन विसंगति समिति के गठन के आदेश से यह स्पष्ट है कि इंदु कुमार पाण्डे ही सेवानिवृत्ति के 10-12 वर्ष बाद आज भी सेवारत आला अधिकारियों से ज्यादा मुफीद एवं सरकार के सच्चे हितैषी हैं।
संघ ने कहा है कि यहां पर यह कहना गलत नहीं है कि किसी भी राज्य में कार्मिकों की वेतन विसंगति के मामलों के निस्तारण हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में ही समितियां गठित रहती हैं। इसके लिए किसी सेवानिवृत्त मुख्य सचिव की आवश्यकता शायद कार्मिकों के हितों पर कुठाराघात जैसा है। जबकि वित्त विभाग के स्तर पर एक अपर मुख्य सचिव तथा 3-3 सचिव तैनात हैं। इसके अलावा वित्त सेवा के अपर सचिवों की लम्बी चौड़ी फौज है। इंदु कुमार पांडे समिति ने सदैव कार्मिकों के हर मामले में नकारात्मक संस्तुतियां ही दी हैं तथा हमेशा नियत अवधि हेतु गठित समिति का कार्यकाल बढ़ाते रहना भी इस समिति के खाते में उपलब्धि के तौर पर दर्ज है। इनके द्वारा कई विभागों के पदों तथा सचिवालय के कई अनुभागों की कटौती की संस्तुति कर कार्मिकों के मामलों में अपना दृष्टिकोण उजागर किया है।
सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा है कि हम सरकार से इस मामले में पुनर्विचार कर समिति के गठन को वापस लेने की पुरज़ोर मांग करते हैं। इस मामले सहित अन्य सभी प्रमुख मुद्दों को लेकर सचिवालय संघ अपने सभी संवर्गीय संघों के पदाधिकारियों के साथ 5 अगस्त को दोपहर 3.00 बजे एक महत्वपूर्ण बैठक करेगा तथा आगे की कार्यवाही पर निर्णय लेगा।