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उत्तराखंड: मौसम की पहली बर्फवारी होने से ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे, ग्रामीणों ने जम कर बर्फवारी का आनन्द लिया देखे वीडियो

नीति गमशाली गांव मे 17 – 18 अक्टूबर हुई बारिश से पहली बर्फ़ बारी देखने को मिली। जिससे अब नीति गमशाली के लोग ऋतु प्रवास मैं अब घाटी से नीचे इलाको को लौटने लगे है। लेकिन नीती घाटी के तमक मे सड़क अवरुद्ध होने के कारण नीती घाटी के ऋतुप्रवासी ग्रामीण घाटी मे ही फंस गए हैं। प्रशासन ने बृद्ध, बीमार व महिलाओं को लाता अथवा जोशीमठ तक पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था तो की है लेकिन मौसम खराब होने के कारण हेली नहीं पहुंच सका।

भारत तिब्बत की सीमा पर स्थित नीति घाटी में मौसम की पहली बर्फवारी होने से ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे हैं। नीति घाटी के गमशाली में लास्पा पूजा में पहुंचे ग्रामीणों ने जम कर बर्फवारी का आनन्द लिया। बता दें कि अक्टूबर महीने के अंत में नीति घाटी के एक दर्जन से अधिक गांव माईग्रेसन वाले गांव हैं जो गर्मी की दस्तके के साथ अपने मूल गांव जो कि नीति घाटी में स्थित हैं में खेती बाडी एवं पशुपाल के लिए आते हैं व ठंड की दस्तक के साथ ही अक्टूबर अंत में अपने शीतकालीन प्रवास वाले गांवों में चले जाते हैं


लेकिन घाटी से रूखसत होने से पहले प्रतिवर्ष ग्रामीण लास्पा देवता समेत अन्य देवी देवताओं की पूजा बडे ही हर्षोल्लास के साथ करते हैं, इस वर्ष मौसम के बदले मिजाज के बाद नीति घाटी में चार इंच तक बर्फ की परत जम चुकी है।

 

 

अपने मूल गांव में पूजा में पहुंचे व तराई के लिए तैयारी कर रहे लोग अचानक हुई बर्फवारी में जम कर थिरके। ग्रामीण महिला पुरूष एवं बच्चों ने गढवाली एवं भोटिया गानों में जम कर बर्फवारी का आनन्द लिया।

 

इन एक्सक्यूसिव विडियो में आप देख रहे हैं कि किस प्रकार से सरहद पर बसे नीति घाटी के ग्रामीण बर्फवारी का मजा ले रहे हैं
नीति घाटी के लोगों को द्वितीय रक्षा पंक्ति के सैनिक भी कहा जाता है क्योंकि की ये लोग विपरीत परिस्थियों में रहकर भी अपने मूल गांवों में आकर खेती बडी करते हैं।

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