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उत्तराखंड कांग्रेस के नेताओं के बीच के असंतोष मिटाने के लिए प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव ने संभाली कमान

उत्तराखंड कांग्रेस के नेताओं के बीच के असंतोष मिटाने के लिए प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव ने संभाली कमान

चुनाव से पहले सेनापति और सीएम का चेहरा तय करने के मुद्दे पर पूर्व सीएम हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समर्थकों के बीच बढ़ते विवाद को थामने के लिए शुक्रवार को हाईकमान को खुद आगे आना पड़ा। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने जहां सांसद प्रदीप टम्टा को इस मुद्दे पर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। वहीं, पूर्व विधायक गणेश गोदियाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग से नाराज पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल से खुद फोन पर बात की और उनके मन की बात जानी।
प्रभारी ने कुंजवाल को कहा कि अब से यदि किसी भी प्रकार की बात हो तो वो सीधा उनसे बात करें। बीते रोज प्रदेश महामंत्री राजेंद्र शाह ने पूर्व सीएम हरीश रावत को सीएम को चेहरा बनाने की पैरवी करने के लिए पूर्व विधायक गणेश गोदियाल के खिलाफ कर्रवाई की मांग की थी। कुंजवाल ने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा था कि यदि रावत का समर्थन करना गुनाह है रावत के सभी समर्थकों को पार्टी से निकाल दिया जाए। कुंजवाल की नाराजगी की खबर मिलने पर आज सुबह प्रभारी ने कुंजवाल को फोन किया।उस वक्त कुंजवाल अपने समर्थकों के साथ एक कार्यक्रम में थे। कुंजवाल समर्थकों ने बताया कि उन्होंने फोन पर दो टूक कहा कि जिस प्रकार का माहौल बनाया जा रहा है वो पार्टी के लिए ठीक नहीं। मैं सच कहने से बिलकुल नहीं डरता। केदारनाथ आपदा के दौरान मृतकों की संख्या को लेकर भी मैंने कुछ नहीं छिपाया था और अपनी सरकार होने के बावजूद सच्चाई को ही कहा था।



यदि हम सच को छिपाएंगे, या सच से मुंह मोडेंगे तो पार्टी को भारी नुकसान होगा। वर्तमान में चुनाव में जाने के लिए सीएम का चेहरा सामने होना ही चाहिए। रावत जी से अनुभवी कोई और नहीं है। दोनों नेताओं के बीच करीब आधा घंटे तक बातचीत हुई। संपर्क करने पर कुंजवाल ने टिप्पणी करने से इंकार किया। केवल यह कहा कि प्रभारी जी ने कहा कि सार्वजनिक मंच पर बात कहने से पहले मुझे अवश्य बताया जाए।कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस एकजुट है। पार्टी नेताओं की जिन बातों को असंतोष समझा जाता है, दरअसल वो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। रही बात सीएम का चेहरा और कार्यकर्ताओं के बीच खिंचाव की तो उसका समाधान जल्द हो जाएगा। जल्द ही सभी शीर्ष नेता एक साथ बैठ कर चुनावी रणनीति पर मंथन करेंगे। फिलहाल पार्टी का स्टैंड पूर्ववत है कि चुनाव सामुहिक नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। यादव ने कहा कि कोर्डिनेशन कमेटी का गठन भी कर दिया गया है। इसमें अनुभवी नेताओं को भी रखा गया है और युवाओं को भी। जल्द ही कोडिर्नेशन कमेटी की भी बैठक होगी और आगे की चुनावी रणनीति को खाका तैयार किया जाएगा। नौ फरवरी तक देहरादून का एक दौरा भी प्रस्तावित है।

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