पहाड़ी राज्य उत्तराखंड मेडिकल कॉलेज में 11 चिकित्सकों ने ली तैनाती, पहाड़ के लोगों को मिलेगी राहत

 

 

 

सोबन सिंह जीना राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान (अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज) ने नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) से मान्यता के लिए कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। सुचारू फैकल्टी व इसी शैक्षणिक सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू कराने के मकसद से संकाय के 11 सदस्य चिकित्सकों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इनमें दो प्रोफेसर, पांच एसोसिएट व चार असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल हैं।

अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में अब तक 13 सीनियर व 24 जूनियर रेजिडेंट तैनात थे। एनएमसी से मान्यता के लिए फैकल्टी के ढांचे में 51 सीनियर रेजिडेंट होने चाहिए। काउंसिल के मानकों पर कॉलेज को खरा उतारने के मकसद से बीते दिनों शासन ने देहरादून व हल्द्वानी में कार्यरत 13 सीनियर रेजिडेंट समेत 25 चिकित्सकों के स्थानांतरण अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के लिए किए थे। इनमें से 11 ने गुरुवार को संकाय में कार्यभार ग्रहण कर लिया। पहाड़ पर स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत ही कमजोर है। जरा सी परेशानी में लोगों को मैदान का रुख करना पड़ता है। हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल पर ही पूरे मंडल का दबाव रहता है। ऐसे में अल्मोड़ा में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती निश्चित तौर पर राहत देने वाली खबर है। आशा है कि जल्द ही स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू हो जाएंगी और लोगों को मैदान में दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। इसमें अब गरीब जनता के पैसे व समय दोनों की बचत होगी। साथ ही रेफर करने के बाद कई बार केस बिगड़ जाते थे। कई बार जान तक चली जाती है। आशा है इन मामलों में अब कमी आएगी।

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