*आपदा ग्रस्त क्षेत्रों के स्थलीय निरीक्षण के बाद सचिवालय स्थित आपदा प्रबन्धन कन्ट्रोल रूम में मुख्यमंत्री धामी ने लिया स्थिति का जायजा।*
*आपदा प्रबन्धन से जुड़े उच्च अधिकारियों के साथ की स्थिति की समीक्षा।*
*मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी पौड़ी, टिहरी व अल्मोड़ा आदि जिलों के जिलाधिकारियों से दूरभाष पर वार्ता कर ली स्थिति की जानकारी।*
*मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिये लापता लोगों को ढूढने तथा रास्ते में फसे लोगों को सुरक्षित निकालने के निर्देश।*
*आपदा प्रभावितों को खाद्यान्न, पेयजल तथा चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के भी दिये निर्देश।*
*मुख्यमंत्री के निर्देश पर वाडिया इंस्ट्यिट एवं हेस्को द्वारा भी अपनी टीम के साथ किया आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण।*
*प्रतिवर्ष आपदा से होने वाले नुकसान को रोकने के सम्बन्ध में देंगे अपने सुझाव।*
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन एवं एसडीआरएफ की टीमें निरंतर राहत एवं बचाव कार्यों के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं कर रही हैं। राज्य सरकार सेना से भी संपर्क में हैं। अगर हेलीकॉप्टर की अवश्यकता पड़ी तो सेना से भी मदद ली जाएगी। स्टेट के हेलीकॉप्टर को भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए अलर्ट मोड पर रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा में घायल हुए लोगों को मैक्स अस्पताल में भर्ती किया गया है। उन्होंने स्वंय मैक्स अस्पताल जाकर घायलों का हाल चाल जाना तथा उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। उन्होंने बताया कि *इस आपदा में अब तक चार लोगों की मृत्यु हुई है। 13 लोग घायल हुए हैं तथा 12 लोग लापता है। 5 गौशाला क्षतिग्रस्त हुई हैं तथा 78 पशु हानी हुई है*
बताया गया कि पर्याप्त संख्या में एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं। रियल टाईम मानिटरिंग की जा रही हैं। भूस्खलन से रास्ते बंद होने पर तुरंत खोलने के लिए विभिन्न स्थानों पर जेसीबी आदि लगाई गयी हैं।

