एक साधारण से परिवार की बेटी दीया राजपूत ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में प्रदेश टॉप कर हरिद्वार का नाम रोशन किया है। टॉपर दीया आईएएस बनकर जनता की सेवा करना चाहती हैं। इंटर के बाद वह बीएससी में प्रवेश लेगी।
सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज मायापुर की 12वीं की छात्रा दीया राजपूत ने उत्तराखंड बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा में पांच सौ में से 485 यानी 97 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। दीया राजपूत मूलरूप से उत्तर प्रदेश के बिजनौर के नगीना क्षेत्र के कुरैनी गांव की निवासी रहने वाली हैं। उनके पिता पदम कुमार राजपूत 30 साल पहले धर्मनगरी हरिद्वार में आ गए थे। वह यहां पुराना औद्योगिक क्षेत्र स्थित इंदिरा बस्ती में किराये के मकान में रहते हैं। यहीं पर एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। मां भारती देवी आशा कार्यकर्ता हैं
दीया राजपूत ने बताया कि उन्हें यह उम्मीद तो थी कि वह मेरिट में स्थान लाएगीं, लेकिन यह नहीं सोचा था कि वह पहले नंबर पर आएगीं। टॉप कर वह खुश हैं। वह आईएएस बनना चाहती हैं। इसलिए वह गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कन्या परिसर में बीएससी (पीसीएम) में प्रवेश लेंगी। साथ ही सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी भी करेंगी।
दीया ने बताया कि कोरोनाकाल में पढ़ाई प्रभावित होने से दिक्कत तो आई, लेकिन वह रोजाना सात से आठ घंटे पढ़ाई करती थीं। कोरोनाकाल में मोबाइल ऑनलाइन पढ़ाई में बेहद मददगार साबित हुआ, तभी वह टॉपर बन सकी हैं। दीया ने उपलब्धि का श्रेय माता-पिता, गुरुजनों और बहनों को दिया है।
उन्होंने बताया कि उनकी मां और पिता ने कभी भी पढ़ाई में पैसों और अन्य किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत सामने नहीं आने दी। यहां तक पहुंचाने के लिए बहुत सपोर्ट किया। दीया के टॉपर बनने की सूचना पर उसके घरों पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में भी दीया राजपूत और उसके माता-पिता को विद्या भारती के प्रदेश निरीक्षक विजय पाल समेत अन्य शिक्षकों की ओर से मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दी गईं। दीया तीन बहनों में दूसरे नंबर की हैं।
रामलाल चौहान विद्या मंदिर महुआडाबरा के छात्र दर्शित चौहान ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में 483 अंक प्राप्त करके प्रदेश की मेरिट में तीसरा स्थान पाया है।
दर्शित ने हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा में 10वां स्थान प्राप्त किया था। छात्र के घर में खुशी का माहौल है। पिता सुभाष सिंह खेती करते हैं। वह रायपुर गांव के निवासी हैं। माता सुनीता देवी गृहिणी हैं। दर्शित ने छह से सात घंटे सेल्फ स्टडी कर और ऑनलाइन पढ़ाई कर यह मुकाम हासिल किया है। उसने कहा कि छात्र-छात्राओं को एनसीईआरटी की किताबें पढ़नी चाहिए। लक्ष्य निर्धारित कर पढ़ाई करनी चाहिए। उसकी बड़ी बहन प्रियांशी ने हाईस्कूल की परीक्षा में प्रदेश की मेरिट में दसवीं रैंक प्राप्त की थी। वर्तमान में नैनीताल में बीएससी की पढ़ाई कर रही हैं।
विद्यालय से उसका गांव आठ किलोमीटर दूर है। वह साइकिल से विद्यालय आता जाता था। कोरोना काल में उसने मोबाइल से ऑनलाइन पढ़ाई की थी। वह आईआईटी की परीक्षा उत्तीर्ण कर इंजीनियर बनकर कर देश सेवा करना चाहता है। इस सफलता का श्रेय उसने माता पिता और गुरुजनों को दिया है।