श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन

0
364

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कृषि संकाय और एग्रीकल्चर एंड एनवायरमेंटल टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में तीसरी दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया | कॉन्फ्रेंस का मुख्य विषय ग्लोबल इनीशिएटिव इन एग्रीकल्चर फॉरेस्ट्री और अप्लाइड साइंस पर आधारित खाद्य सुरक्षा पर्यावरण सुरक्षा और सतत विकास को रखा गया| कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कृषि मंत्री सुबोध उनियाल उपस्थित रहे|
विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज में आयोजित इस कांफ्रेंस का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी व विशिष्ट अतिथि राज्य मंत्री चौधरी अजीत सिंह, चेयरमैन, रेशम फेडरेशन और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर यू एस रावत ने किया| इस अवसर पर कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि कृषि क्षेत्र में हो रहे विकास को दुनिया आशा भरी नज़रों से देख रही है. इस विकास यात्रा का भविष्य युवा कृषि वैज्ञानिकों की दूरदर्शी सोच पर निर्भर करता है.

 

वहीं उपस्थित अतिथियों और प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ यू एस रावत ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए यह अत्यंत खुशी का पल है जब विश्व स्तर पर विश्वविद्यालय ज्वलंत समस्या सतत विकास और खाद्य सुरक्षा पर आधारित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है | उन्होंने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान राष्ट्र रहा है जहां पर पहले कभी भी खाद्यान्न की आपूर्ति की समस्या नहीं देखी गई है क्योंकि यहां पर बहुत अच्छी संख्या में उत्पादन होता रहा है जबकि आज समय बदल चुका है जिस गति से जनसंख्या बढ़ रही है खाद्यान्न की आपूर्ति की समस्या भी नजर आने लगी है| उन्होंने कहा कि यदि जनसंख्या पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो यह समस्या और विकराल हो सकती है विश्व स्तर पर अन्य समस्याएं ग्लोबल वार्मिंग की भयावह स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को इस समस्या के कारण हो रहे पर्यावरणीय बदलावों पर भी ध्यान देना होगा | उन्होंने उत्तराखंड में बढ़ते जलवायु परिवर्तन पर भी चिंता जाहिर करी, साथ ही इस पर वैज्ञानिक विचार विमर्श की आवश्यकता जताई उत्तराखंड में घोस्ट विलेज एक परंपरा बनता जा रहा है और राज्य में बहुत बड़ी संख्या में गांव वीरान होते जा रहे हैं इस संवेदनशील विषय पर भी उन्होंने सरकारी नीति और ठोस योजनाओं की आवश्यकता जताई| सतत विकास को आज की महत्वपूर्ण आवश्यकता बताते हुए उन्होंने इसके सुनियोजित क्रियान्वयन के लिए सरकार का ध्यान आकर्षित किया|
इस अवसर पर कृषि विभाग की डीन प्रोफ़ेसर मनीषा सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि यह कॉन्फ्रेंस ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही रूप से संचालित की जा रही है| जिसमें भारत-बांग्लादेश, इरान, मलेशिया, चीन और कोरटेवा एग्रीसाइंस के प्रतियोगी और वक्ता प्रतिभाग करेंगे| कॉन्फ्रेंस में गेस्ट ऑफ ऑनर फ्लोरा एंड फौना साइंस फाउंडेशन लखनऊ के डॉक्टर पीएस खनूजा रहे| कांफ्रेंस का संचालन डॉ पारुल अग्रवाल डॉ प्रियंका बनकोटी और डॉ हुमा ने किया तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में प्रोफेसर अमर गर्ग, डॉ प्रदीप कुमार, डॉ सी.पी सिंह, डॉ. दीपक साहनी, डॉ. मालविका कांडपाल, डॉ.माजिद हुसैन के साथ ही विश्वविद्यालय के शिक्षक और प्रतिभाग करने वाले छात्र एवं छात्राएं मौजूद रहे|

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here