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अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी समेत पांच लोग धामी की रडार पर.. पुख्ता सुबूत मिलते ही.. सीधे मुकदमा दर्ज..!

पेपर लीक मामले में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी समेत पांच लोगों पर मुकदमे के लिए शासन ने पुख्ता सुबूत मांगे हैं। सतर्कता समिति की बैठक में मुकदमे के लिए जरूरी साक्ष्यों को जुटाने के लिए विजिलेंस को निर्देशित किया गया है। इसके बाद ही मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दी जा सकती है।

आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसटीएफ की रिपोर्ट के बाद पुलिस मुख्यालय ने आयोग के अधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस जांच की सिफारिश की थी। शासन ने पूर्व सचिव संतोष बडोनी, परीक्षा नियंत्रक एनएस डांगी, अनुभाग अधिकारी बृजलाल शाह, दीपा जोशी और कैलाश शाह की जांच विजिलेंस के हवाले कर दी थी। विजिलेंस बीते डेढ़ माह से इस मामले में जांच कर रही है। कुछ दिन पहले ही वित्तीय अनियमितताओं की बात सामने आ गई थी।

इस पर विजिलेंस ने शासन से इन पांचों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। इसके लिए शुक्रवार को शासन में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में सतर्कता समिति की बैठक हुई। इसमें अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन आदि अधिकारी मौजूद थे।

पुख्ता साक्ष्य होने पर ही ठोस कार्रवाई
विजिलेंस के प्रस्ताव पर चर्चा की गई लेकिन विजिलेंस के पास मुकदमे लायक ठोस साक्ष्य नहीं थे। शासन ने विजिलेंस को कुछ और पर्याप्त साक्ष्य जुटाने को कहा है। इसके बाद ही मुकदमे की अनुमति दी जाएगी। शासन का मानना है कि इस मामले को हल्के में दर्ज नहीं किया जा सकता है। पुख्ता साक्ष्य होने पर ही ठोस कार्रवाई की जाएगी।

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