हाल हीं मे कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व
श्रीमती गीता पुष्कर सिंह धामीने सचिवालय में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाये गये राखी के स्टॉलों का अवलोकन किया था महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए जा रहे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और उन उत्पादों की अच्छी बिक्री हो, इस उद्देश्य से राज्य में ‘मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ शुरू की गई थी. जिसका परिणाम अब हमारे सामने है ..

 

इस योजना के तहत प्रदेश के सभी विकासखण्डों में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 24 से 28 अगस्त 2023 तक राखियों के स्टॉल लगाये गये हैं… और अब तक लगभग 50 लाख की पूरे प्रदेश में राखियो की बिक्री हो चुकी है
मतलब महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 24 से 28 अगस्त तक जो राखियों के स्टॉल लगाये गये हैं… उनसे लगभग 50 लाख की बिक्री हुई है .
अल्मोड़ा में 3,71846 की बिक्री हुईं
चमोली में 1,54849 की बिक्री हुईं
चंपावत में 67,331 की बिक्री हुईं

देहरादून में 2,84310 की बिक्री हुईं
हरिद्वार में 20,2397 की बिक्री हुईं

नैनीताल में 5,50048 की बिक्री हुईं
पौड़ी में 3,03300 की बिक्री हुईं
पिथौरागढ़ में 1,09941की बिक्री हुईं
रुद्रप्रयाग में 6,2190 की बिक्री हुईं
टिहरी में 2,12016 की बिक्री हुईं
उधम सिंह नगर में 2,334595
की बिक्री हुईं
उत्तरकाशी में 1,21763 की बिक्री हुईं
उत्तराखंड सचिवालय मे 1,89000 की बिक्री हुईं

बता दे कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुछ दिन पहले सचिवालय से वर्चुअल माध्यम से सभी जनपदों से जुड़ी महिला स्वयं सहायता समूहों की बहनों से संवाद किया था, मुख्यमंत्री ने सभी से उनके द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों एवं उनकी बिक्री की जानकारी ली थी ओर उन्होंने कहा कि जो भी स्थानीय उत्पाद बनाये जा रहे हैं, उनमें हमें गुणवत्ता और पैकेजिंग का विशेष ध्यान रखना है। उन्होंने कहा था कि हमारी बहनों ने जब भी कोई संकल्प लिया है, उसे सिद्धि तक पहुंचाया है। ‘मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ को और बेहतर बनाया जायेगा। जिसमें महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनके लिए अच्छे मार्केट की व्यवस्था भी की जायेगी..

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में महिला स्वयं सहयता समूहों द्वारा नये उत्पाद बनाने के लिए अनेक नवाचार किये गये हैं। उनके द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से अपील भी की है कि त्योहारों एवं विशेष पर्वों पर महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये गये स्थानीय उत्पादों को जरूर खरीदें। ‘वोकल फॉर लोकल’ से जहां हमारे उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय स्तर लोगों की आजीविका भी बढ़ेगी।
महिला स्वयं सहायता समूहों की बहनों ने बताया था कि रक्षा बंधन के अवसर पर उनके द्वारा भोजपत्र, ऐपण, वैजयंती माला, पिरूल एवं अन्य स्थानीय उत्पादों पर आधारित राखियां बनाई गई है
सभी जनपदों में जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय उत्पादों पर आधारित राखियों की बिक्री के लिए स्टॉल भी लगाये गये हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों ने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व श्रीमती गीता पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों की सराहना की एवं उनका आभार भी व्यक्त किया.. आपको बता दे की श्रीमती गीता पुष्कर सिंह धामी लगातार प्रदेश की विभिन्न क्षेत्र की स्वयं सहायता समूह की बहनों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से..
फोन के माध्यम से लगातार संपर्क मे थी उनका हौसला बढ़ा रही थी.. और प्रदेश की जनता से अपील की थी कि महिला स्वयं सहायता समूहों व एकल उद्यमी बहनों द्वारा निर्मित हस्त उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए,मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ को सफल बनाने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दे…
इसके साथ ही श्रीमती गीता पुष्कर धामी ने स्वयं हस्तनिर्मित राखियों को खरीदने का ऑर्डर दिया था जिसमें से कुछ राखियां चीड़ की सूखी पत्तियों पिरूल से बनी है। इसके अलावा रुद्राक्ष, तुलसी, भीमल से भी राखियां निर्मित की गई और कुछ उत्तराखण्ड की समृद्ध कला ऐपण को प्रदर्शित कर रही हैं, जिसमें पहाड़ी बोली में बोले जाने वाले पारिवारिक संबंधों के शब्दों को भी बेहद खूबसूरती एवं बारीकी से अंकित किया गया है
उन्होंने सभी से विनम्र निवेदन किया था कि आप भी हमारी माताओं-बहनों द्वारा बनाए गए हस्तनिर्मित राखियां व अन्य उत्पादों को अवश्य खरीदें और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड निर्माण में अपना योगदान दें।

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