पिथौरागढ़: जिले में बीते दिनों हुई भारी बारिश के चलते जहां दर्जनों सड़कें बंद हैं. वहीं, कईयों के आशियाने जमींदोंज हो गए हैं. यही नहीं पैदल रास्तों और पुलों के टूटने से कई गांव के लोग कैद हो गए हैं. ऐसे में लोगों को कहीं जाने के लिए अपनी जान को जोखिम में डालना पड़ता है. फिलहाल लिपुलेख बॉर्डर के 7 और दारमा घाटी के एक दर्जन गांवों से संपर्क पूरी तरह कट गया है.
2013 आपदा के बाद ये पहला मौका है, जब पहली बरसात ने सीमांत जिले में जमकर कहर ढाया है. आसमानी आफत ने धारचूला, मुनस्यारी और बंगापानी तहसील के लोगों को मुश्किल में डाल दिया है. सड़कें, पैदल रास्ते, पुल और कई मकान बरसात की भेंट चढ़ गए हैं.
जिला आपदा प्रबंधन से मिली जानकारी अनुसार जिले की कुल 20 सड़कें भारी लैंडस्लाइड के कारण जगह-जगह बंद हैं. जबकि 18 मकान जमींदोज हो गए हैं. यही नहीं 6 पैदल पुलों के साथ 1 मोटर पुल भी जमींदोंज हुआ है. इस भारी बरसात में एक व्यक्ति और 9 मवेशी अपनी जान गवां चुके हैं।

पैदल रास्ते और सड़कें बंद होने से दुर्गम इलाकों में वैक्सीनेशन का काम भी ठप पड़ा हुआ है। ऐसे में जरूरत है कि आपदा प्रबंधन तंत्र हर वक्त अलर्ट मोड में रहे ताकि मॉनसून सीजन में इंसानी जिंदगियों को बचाया जा सके।