उत्तराखंड में जंगली जानवर दहशत का सबब बने हुए हैं। जंगल से सटे इलाकों में बाघ, गुलदार और भालू के हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं। पहले बाघ-गुलदार जंगल क्षेत्र तक सीमित रहते थे, लेकिन अब इंसानी बस्तियां जंगलों तक फैल गई हैं। जिस वजह से जंगली जानवर आबादी वाले क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं, लोगों पर हमला कर रहे हैं
जानकारी के अनुसार रुद्रप्रयाग जिले के विकासखंड जखोली के ललूडी-टेंडवाल गांव निवासी पत्रकार जगदंबा कोठारी की माता अनुसूया देवी (62) देर शाम करीब 6 बजे अपने खेतों में काम कर रही थी कि इसी बीच पीछे से घात लगाए एक गुलदार ने उन पर हमला कर घायल कर दिया। गुलदार के हमले से घायल अनुसूया देवी ने गुलदार के साथ संघर्ष किया और शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर सुनकर आसपास के खेतों में काम कर रहे ग्रामीण वहां पहुंचे जिसके बाद गुलदार भाग गया।

इस हमले में महिला के हाथ,पैर सहित पीठ पर गुलदार के पंजों एवं दांतों के गहरे निशान पड़ गए। आसपास के लोगों की मदद से उन्हें घायल अवस्था में घर तक पहुंचाया गया। गांव में सड़क ना होने के कारण देर शाम ग्रामीण उन्हें अस्पताल नहीं पहुंचा जा सके लेकिन सोमवार सुबह उन्हें सीएचसी जखोली में भर्ती कराया गया।
जहां उनका उपचार चल रहा है। फिलहाल उनकी स्थिति खतरे से बाहर है।ओर आस-पास के गांव में गुलदार का यह पहला इंसानी हमला है। पिछले कई दिनों से नजदीकी गांवों में गुलदार सक्रिय है और दिनदहाड़े कई पशुओं को निवाला बना चुका है। उन्होंने वन विभाग से तत्काल गांव में पिंजरा लगाने के साथ पीड़ित महिला को उचित मुआवजा देने की मांग करी है।
उधर वन क्षेत्राधिकारी गौरव नेगी ने बताया कि गुलदार के हमले में घायल महिला का मेडिकल कर मुआवजा देने व क्षेत्र में गुलदार के हमले से निजात दिलाने के लिए उच्च विभागीय अधिकारियों को कार्यवाही करने के लिए सूचित कर दिया गया है।