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पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में अब ‘अत्याधुनिक हाईब्रिड इंटरवेन्शन वैस्क्युलर ट्रीटमेंट ‘ तकनीक से हो रहा है मरीजों का इलाज।

पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में अब ‘अत्याधुनिक हाईब्रिड इंटरवेन्शन वैस्क्युलर ट्रीटमेंट ‘ तकनीक से हो रहा है मरीजों का इलाज

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में स्थापित हुवा अत्याधुनिक हाईब्रिड आपरेशन थियेटर अब सुपर मॉडल की तरफ बढ़ाये कदम

गर्व की बात : उत्तराखण्ड / उत्तर प्रदेश का प्रथम हाईब्रिड एवं वैस्क्युलर इंटरवेन्शन आपरेशन थियेटर

प्रदेश में बेहतर , नई तकनीक से स्वास्थ्य सेवाओं को दे रहा है आपका लोकप्रिय श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल नये आयाम

उत्तराखंड की अस्थाई राजधानी देहरादून

जी हा आपके लोकप्रिय श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में ऐसे मरीज जिनका डायलिसिस चल रहा है व साथ ही वे वैस्क्युलर बीमारी से पीड़ित हैं

उनका अब अत्याधुनिक हाईब्रिड ट्रीटमेंट तकनीकी से इलाज किया जा रहा है।

आपको बता दे कि
गुर्दे के मरीज, जिनका डायलिसिस ग्राफ्ट के माध्यम से होता है, उनको ग्राफ्ट थ्रोम्बोसिस होने का खतरा बना रहता है जो कि जानलेवा भी हो सकता है। इसी कारण अनेक बार गुर्दे के मरीज डायलिसिस नहीं करा पाते हैं।

ग्राफ्ट थ्रोम्बाॅंक्टाॅंमी को आपातकाल में किया जाता है परन्तु यह अक्सर प्रभावी नहीं होती है। क्योंकि इन मरीजों में केन्द्रीय संवहनियों में रूकावट पाई जाती है।

नस में इस रूकावट के चलते डायलिसिस ग्राफ्ट काम नहीं करता। अभी हाल ही में ऐसे दो मरीेजों का इस अत्याधुनिक तकनीक से सफल इलाज किया गया। इनके डायलिसिस ग्राफ्ट में खून जमने (क्लाॅट) के कारण डायलिसिस नहीं हो पा रहा था जिसके कारण वे बहुत तकलीफ में थे। जाॅंच के दौरान ग्राफ्ट बन्द होने के साथ खून ले जाने वाली नस (आॅग्ज़ीलरी वेन) में रूकावट भी पाई गई।

लोकप्रिय श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ कार्डियो थोरैसिक एवं वैस्क्युलर सर्जन डाॅं0 अरविन्द मक्कड़ व इंटरवेन्शनल रेडियोलाॅंजिस्ट डाॅं0 प्रशान्त सारडा ने एक ही आॅपरेशन के दौरान मरीज की थ्रौम्बाॅंक्टाॅंमी की और ड्रेनिंग नस की एंजियोप्लास्टी भी की जिससे डायलिसिस ग्राफ्ट की कार्यप्रणाली को बहाल किया गया।
एक अन्य मरीज जिसे अंगों को खराब करने वाला ईस्चीमिया था जो गैंगरीन में बदलकर घातक हो सकता था उसे भी इसी प्रकार के आॅंपरेशन से ठीक किया गया।
डाॅं0 अरविन्द मक्कड़ ने जानकारी दी कि जटिल संवहनी समस्याओं का सरल शल्य प्रक्रियाओं द्वारा आॅंपरेशन नहीं किया जा सकता है। सामान्यतः एक से अधिक जटिल आॅंपरेशनों की जरूरत पड़ती है।

बता दे कि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में स्थापित अत्याधुनिक हाईब्रिड आॅंपरेशन थियेटर में इन कई जटिल आॅंपरेशनों को एक साथ एक ही समय कर पाना आज संभव है। ओर इसको अभी और सुपर मॉडल का रूप दिये जाने का कार्य चल रहा है

यह अत्याधुनिक हाईब्रिड मरीजों के लिए वरदान है क्योंकि कई आॅंपरेशनोें के एक साथ हो जाने के चलते मरीज का खर्चा काफी कम हो जाता है। साथ ही उसे बार-बार भर्ती होकर आॅंपरेशनों को करवाने की मुश्किल खर्चीली व तकलीफदेह प्रक्रिया से भी बचाता है।

इस तरह के आॅंपरेशन के लिए एक विशेष प्रकार की व्यवस्था की आवश्यकता है जिसमें आॅंपरेशन थियेटर एवम् कैथीटीराजेशन लेबोरेट्री को एक साथ समायोजित किया जाता है। इस तरह के अत्याधुनिक हाईब्रिड आॅंपरेशन थियेटर की अतिविशिष्ट सुविधाएं भारत में केवल बड़े शहरों के चुनिंदा अस्पतालों में ही उपलब्ध है।

कोविड-19 की इस वैश्विक महामारी की चुनौती के बीच श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने
मरीजों व समाज की भलाई हेतु आगे बढ़कर इस हाईब्रिड आॅंपरेशन थियेटर की स्थापना की है । आपके लोकप्रिय श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के द्वारा स्थापित यह अत्याधुनिक ‘स्टेट आॅफ दि आटर्’ हाईब्रिड आॅंपरेशन थियेटर समूचे उत्तराखण्ड व पश्चिमी उत्तरप्रदेश में अपनी तरह का पहला है व इन क्षेत्रों में वैस्क्युलर बीमारियों के इलाज में स्वास्थ्य सेवाओं को नया आयाम देगा।

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