उत्तराखंड: तीर्थ पुरोहत, गंगोत्री धाम में धरने पर बैठे जाने क्यों?

0
1191

उत्तराखंड: तीर्थ पुरोहत, गंगोत्री धाम में धरने पर बैठे ये अपनी मांग पर अड़े है

आपको बता दे कि
गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के विरोध में आज से यानी बृहस्पतिवार से क्रमिक धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। मंदिर परिसर में बैठे पुरोहितों ने सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए बोर्ड को भंग करने की मांग की है। साथ ही मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी भी दी है।
हम जानते है कि कुछ माह पूर्व गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ व केदारनाथ सहित प्रदेश के कई प्रमुख मंदिरों के प्रबंधन के लिए सरकार ने देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का विधेयक पारित किया था, जिसको लेकर पुरोहित समाज द्वारा लंबे समय तक आंदोलन किया गया।
साथ ही न्यायालय में भी अपील की गई। तमाम विरोध के बावजूद सरकार ने बोर्ड का गठन कर इसका कार्य आरंभ कर दिया है, जिससे आक्रोशित गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर परिसर में ही क्रमिक धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
आक्रोशित पुरोहितों ने मंदिरों पर जबरन थोपे जा रहे बोर्ड को तत्काल निरस्त करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि अनादि काल से ही पुरोहित समाज द्वारा गंगोत्री आदि धामों की देखरेख का जिम्मा संभाला जा रहा है, लेकिन आज निजी फायदे के लिए सरकार ने धामों की सारी जिम्मेदारी व आर्थिक निर्णयों की ताकत देवस्थानम बोर्ड के हाथों में सौंप दी है।
आंदोलन के वक्त स्थानीय विधायक ने पुरोहितों को सहयोग का भरोसा दिया था, लेकिन आज वह स्वयं बोर्ड के सदस्य बन गए हैं। जिससे स्पष्ट है कि सरकार पुरोहितों की मांग के प्रति गंभीर नहीं है। प्रदर्शनकारियों में गंगोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अरुण सेमवाल, संजीव सेमवाल, राकेश सेमवाल, प्रेमवल्लभ सेमवाल, गोवर्द्धन सेमवाल, विष्णु सेमवाल, कामेश्वर सेमवाल, संतोष सेमवाल सहित कई तीर्थ पुरोहित शामिल रहे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here