जब मेयर गामा पर लगा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप तो गामा ने दी मीडिया में अपनी सफाई… पर उठा सवाल.. अकेले-अकेले क्यों दिख रहे हैं गामा.. उनके लोकप्रिय नेताओ की खामोशी का क्या है राज ! 

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जब मेयर गामा पर लगा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप तो गामा ने दी मीडिया में अपनी सफाई… पर उठा सवाल   पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित सरकार की खामोशी का क्या है राज ! 

 

मेयर सुनील उनियाल गामा की संपत्ति में दस गुना वृद्धि होने को लेकर प्रदेश की सियासत गरम है. कांग्रेस का आरोप है कि मेयर ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है. इसको लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान माहरा मेयर की संपत्ति में हुई बेतहाशा वृद्धि को लेकर सुनील उनियाल पर जमकर बरसे.

 

 

कांग्रेस ने गामा से मांगा स्पष्टीकरण: करन माहरा ने कहा कि आरटीआई में देहरादून मेयर गामा की आय से अधिक संपत्ति का खुलासा हुआ है. ऐसे में मेयर को जनता के सामने स्पष्टीकरण देना चाहिए. माहरा ने कहा सुनील गामा पर आरटीआई एक्टिविस्ट ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि, मेयर बनने से पहले उन्होंने कितनी संपत्ति दिखाई थी और मेयर बनने के साढ़े चार साल बाद ऑन पेपर उनकी संपत्ति दस गुना बढ़ गई है.

 

 

कांग्रेस सीएम धामी से करेगी गामा की शिकायत: करन माहरा ने कहा यह भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति का मामला बनता है. ऐसे में सरकार को इसका संज्ञान लेना चाहिए. माहरा ने कहा इस संबंध में उनके माध्यम से मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा जा रहा है. पत्र में मुख्यमंत्री से इस मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की मांग की जाएगी. उन्होंने कहा जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक मेयर सुनील उनियाल गामा को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए

 

 

बता दें कि मेयर सुनील उनियाल गामा की संपत्ति दस गुना बढ़ने पर कांग्रेस सवाल उठा रही है. गौरतलब है कि आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश सिंह ने हाल ही में प्रेस वार्ता करते हुए देहरादून मेयर को लेकर कई खुलासे किए थे. उन्होंने मेयर पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित किए जाने का भी आरोप लगाया था. गौरतलब है कि आरटीआई में यह बात सामने आई है कि मेयर बनने के बाद गामा ने 11 संपत्ति 5 करोड़ में खरीदीं, जिनका वर्तमान बाजार मूल्य 20 करोड़ के करीब बताया जा रहा है.उन्होंने इस संबंध में विजिलेंस से भी शिकायत की है. ऐसे में कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री को इस संबंध में पत्र लिखने की बात कही है. करन माहरा कहा है कि कांग्रेस मुख्यमंत्री से इस मामले में जांच की मांग करेगी. साथ ही कांग्रेस ने जांच पूरी होने तक मेयर सुनील उनियाल गामा के इस्तीफे की मांग भी की है.

जिसके बाद  मेयर  ने  पलटवार  करते हुए कहा कि मैंने 18 साल की उम्र से काम शुरू किया। इसके बाद 2012 तक कुछ संपत्तियां ली। ठेकेदारी अच्छी चलती थी लेकिन नगर निगम बनने के बाद मैंने निकाय में ठेकेदारी छोड़ दी। मेयर बनने के बाद मैंने अपने तमाम लाइसेंस भी निरस्त करवा दिए..

2012 के बाद मैंने कुछ संपत्तियां खरीदी। 2017 में अपने चुनावी घोषणा पत्र में ढाई करोड़ तक की संपत्तियां दिखाई थी। उनमें से मैंने अपनी कई संपत्तियां बेची और संपत्तियों की दरें बढ़ी। जिसका केवल मुझे ही नहीं सबको फायदा हुआ। जब कुछ संपत्तियां बेची हैं, तो कुछ खरीदी भी हैं।

 

 

दरबार साहिब से जमीन लीज पर लेने के मामले में भी मेयर गामा ने जवाब देते हुए कहा कि मैंने 2012 में महंत जी से आवेदन किया कि मुझे भी एक छोटा सा टुकड़ा दुकान बनाने के लिए दे दें। महंत जी ने किराए पर मुझे प्लॉट दिया। ऐसे में उस बात को मेयर बनने के बाद से क्यों जोड़ा जा रहा है।मेयर गामा ने साफ किया कि मेरा कोई पेट्रोल पंप भी नहीं है। मैंने सारी संपत्तियां घोषित की हुई हैं। मेरी कोई बेनामी संपत्ति भी नहीं है। मैंने अपनी संपत्तियों का खुलासा इनकम टैक्स में भी किया हुआ है। मैंने कुछ छिपाया नहीं है….

 बहराल  गामा   ने पूरी बात मीडिया के आगे रख दी हे…

 लेकिन अभी तक… ना तो प्रदेश  भाजपा संगठन की तरफ से .. ना सरकार की तरफ से …  और ना गामा को राजनीतिक संरक्षण देने वाले .. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कोई बयान निकल कर सामने आया है …. ऐसे में देखना यह होगा कि  क्या गामा के बयान के बाद..विपक्ष शांत हो जाएगा … या फिर  .. हंगामा आगे बरसेगा ..

ओर गामा के समर्थन में  भाजपा सगठन..   सरकार…. और गामा के राजनीतिक शुभचिंतक … पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र  रावत सहित … अन्य नेतागण …  सरकार ..गामा को अकेला छोड़ते हैं ….. या गामा के साथ…!सच्चाई के साथ आगे खड़े नजर  आएंगे.

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