सरकार की “पिरूल लाओ पैसा पाओ” योजना के शुरू होने पर बड़े शहरों में रोजगार की तलाश में गए ग्रामीण अब पिरूल एकत्रित करने अपने घर-गांव लौट रहे हैं
धामी सरकार की पिरूल कलेक्शन स्कीम बन रही ग्रामीणों की आर्थिकी का आधार
जंगलों में फायर कंट्रोल में बड़ी मददगार साबित हो रही "पिरूल लाओ पैसा पाओ" योजना...
ग्रामीणों की सुविधा को राज्य की सभी रेंज में बनाए गए पिरूल कलेक्शन सेंटर.
धामी सरकार ने 3 रुपये से 50 रुपये प्रति किलो निर्धारित किया पिरूल का दाम
धामी सरकार में पिरूल खरीदने के लिए 50 करोड़ का कार्पस फंड प्रस्तावित
सरकार की "पिरूल लाओ पैसा पाओ" योजना ग्रामीणों के लिए आर्थिकी का बड़ा आधार बन रही है
राज्य के गढ़वाल और कुमाऊं जोन में लगभग 100 रेंज में ग्रामीण बड़ी संख्या में पिरूल एकत्रित कर कलेक्शन सेंटर में ला रहे हैं
धामी सरकार : अब तक 23 सौ मीट्रिक टन पिरूल एकत्रित कर लिया गया है। एकत्रित पिरूल का ग्रामीणों को 50 रुपये प्रति किलो की दर से भुगतान मिल रहा है
सरकार की "पिरूल लाओ पैसा पाओ" योजना के शुरू होने पर बड़े शहरों म...