
अपनी परम्परागत लोक संस्कृति को जीवित रखने को अनोखी पहल।अपने गाँव के दासों (औजी), जो कयी पीढ़ियों से गाँव में शादी-विवाह,जागर ,चूडा कर्म संस्कार आदि अनेक धार्मिक,सामाजिक कार्यों का निष्पादन करते आ रहे हैं,उन्हें नये वाद्य यंत्र जैसे ढोल,दमाऊ,रणसिघा,मशकबीन आदि भेंटस्वरूप प्रदान
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नैनीडान्डा-
अपनी परम्परागत लोक संस्कृति को जीवित रखने को अनोखी पहल।
जनपद गढ़वाल नैनीडान्डा प्रखंड के ग्राम रणगाव निवासी श्री महिपाल सिंह रावत ने अपने गाँव के दासों (औजी), जो कयी पीढ़ियों से गाँव में शादी-विवाह,जागर ,चूडा कर्म संस्कार आदि अनेक धार्मिक,सामाजिक कार्यों का निष्पादन करते आ रहे हैं,उन्हें नये वाद्य यंत्र जैसे ढोल,दमाऊ,रणसिघा,मशकबीन आदि भेंटस्वरूप प्रदान किये।
आज इन वाद्य यंत्रों के कलाकारों की आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय हालत में है।इनके आजतक चलते आ रहे वाद्य यंत्र काफी पुराने व मरम्मत के लायक नहीं रहे।
ग्राम रणगाव के गुणा नंद ने भावुक होते हुए अपने मन की बात कही कि सत्तर साल पहले भी ये वाद्य यंत्र उन्हें श्री महिपाल सिंह रावत के पिता ने निशुल्क दिये थे,आज दुबारा उनके ही पौत्र द्वारा फिर दिया जा रहा है।श्री महिपाल रावत जेट फ्लीट कम्पनी में बिजनेस हेड हैं इस मौके पर ग...