कोटद्वार में बीरोंखाल के भैंस्वाड़ा गांव में गुलदार के हमले में एक ग्रामीण की मौत के बाद से गांव में दहशत बरकरार है। गुलदार क्षेत्र में लगातार नजर आ रहा है, लेकिन वह पिंजरे के पास नहीं भटक रहा है। बृहस्पतिवार शाम से देर रात और तड़के वह क्षेत्र में देखा गया है, जिससे लोग अकेले आवाजाही करने से डर रहे हैं। रेंज अधिकारी अनिल रावत ने बताया कि गुलदार क्षेत्र में सक्रिय है। सुरक्षा की दृष्टि से वन विभाग ने पैट्रोलिंग भी बढ़ा दी है। विभाग की ओर से गांव में पिंजरे के साथ ही ट्रैप कैमरे व पंजों के निशान लिए जाएंगे ताकि गुलदार की गतिविधियों का अध्ययन किया जा सके।
वन विभाग के कर्मियों को बृहस्पतिवार रात से उसकी कोई गतिविधि नहीं नजर आई है।आसपास के गांवों के लोगों ने गुलदार के दिखने की बात कही है। वन अधिकारियों का कहना है कि एक दो दिन में यदि गुलदार की कोई गतिविधि नहीं मिलती है तो पिंजरे की लोकेशन बदली जाएगी।रेंज अधिकारी का कहना है कि केवल एक घटना के बाद गुलदार को आदमखोर नहीं माना जा सकता है। वन विभाग को भले ही पोखड़ा ब्लाक के डबरा गांव और आसपास के क्षेत्र में गुलदार की लोकेशन नहीं मिली है, लेकिन वहां के ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है।
यहां बीती 10 जून को गुलदार ने खेतों में काम कर रही 52 वर्षीय महिला गोदांबरी देवी को मार डाला था। तब वन विभाग के शिकारी दल ने हमलावर गुलदार को तो मार डाला था, लेकिन यहां दूसरा गुलदार दिखने से लोग डरे हुए हैं और शाम होते ही घरों में कैद हो जा रहे हैं।वहीं, हाल ही में भैंस्वाड़ा निवासी दिनेश चंद्र ढौंडियाल (38) जंगल में शौच के लिए गया था। वहां गुलदार ने उस पर हमला कर दिया और उसे घसीटकर काफी दूर तक ले गया। मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी। रेंज अधिकारी सुचि चौहान ने बताया कि अनुमति समाप्त होने के बाद से पिंजरा हटा लिया गया है। पेट्रोलिंग भी बंद कर दी गई है। अब विभाग का फोकस प्लांटेशन पर है।
