दिल दहला देने वाला मंजर.. पहाड़ पर आंखों के सामने पत्तों की तरह बह गए आशियाने, जान बचाना भी हुआ मुश्किल… हर तरफ दिखी तबाही.. देखे तस्वीरे

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पहाड़ पर बारिश का कहर जारी है। हिमाचल प्रदेश में सोमवार को ऑरेंज अलर्ट के बीच मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में रविवार रात से भारी बारिश का दौर जारी है।  मौसम विज्ञान केंद्र शिमला से मिली जानकारी के मुताबिक सुबह नौ बजे तक पालमपुर में 160 मिमी और धर्मशाला में 130 मिमी बारिश हुई है। मनाली 55 मिमी, कांगड़ा 65 मिमी, भुंतर 51 मिमी, डलहौजी 48 मिमी और कुफरी में 38 मिमी बारिश हुई है।

मैकलोडगंज के भागसूनाग में सड़क पर खड़ी कई गाड़ियां नाले में उफान आने पर बह गईं। कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। डीसी कांगड़ा निपुण जिंदल से प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बारिश से हुए नुकसान का आकलन करें और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाए। प्रदेश के नदी और नाले उफान पर हैं। सैकड़ों सड़कें बंद हो गई हैं। नेशनल हाईवे 707 कफोटा के पास भूस्खलन से बंद हो गया है जिससे सैकड़ों वाहन फंस गए हैं।

शिमला-मंडी वाया तत्तापानी सड़क में कई पहाड़ दरके हैं। ऊपरी शिमला में भी कई जगह ल्हासे गिर रहे हैं। जिला कुल्लू में मानसून की पहली मूसलाधार बारिश हुई। सोमवार तड़के से हो रही भारी बारिश से जिले का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया।

पागलनाला में बाढ़ आने से औट-लारजी-सैंज मार्ग बंद हो गया। यहां सब्जियों के साथ निगम की बसें व अन्य वाहन फंसे गए हैं। जिला में करीब 15 से अधिक सड़कों पर भूस्खलन होने से अवरूद्ध हो गई हैं।वहीं हिमाचल पथ परिवहन निगम की चार बसें फंस गई है। ब्यास, पार्वती, सरवरी खड्ड सहित जिला के नदी-नाले उफान पर हैं। मानसून की पहली बरसात में ही कुल्लू शहर पानी-पानी हो गया है।मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने सोमवार को प्रदेश के छह जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान भारी बारिश और अंधड़ चलने का पूर्वानुमान है।

सड़क व रास्तों में जगह-जगह पानी के तालाब बनने से राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर झमाझम बारिश होने से किसानों-बागवानों ने राहत की सांस ली है।सेब और अन्य फसलों के लिए बारिश संजीवनी का काम करेगी। उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने कहा कि मंगलवार तक जिला में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। ऐसे में लोगों व पर्यटकों से आग्रह किया गया है कि वह नदी नालों के समीप न जाएं।

 

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