उत्तराखंड:जाने कैसे उत्पाती बंदरों की वजह से गंगा में बहे दो युवक

 

 

ऋषिकेश
बता दे कि थाना मुनिकीरेती अंतर्गत
सच्चाधाम आश्रम के समीप गंगा किनारे बैठे लखनऊ के छह दोस्तों में से दो दोस्त गंगा में बह गए। फिर दोस्तों को गंगा में बहता देख अन्य दोस्तों में चीखपुकार मच गई। दोस्तों की चीखपुकार सुन स्थानीय एक युवक ने वहां से लगभग 50 मीटर की दूरी पर एक व्यक्ति को सकुशल बचा दिया। लेकिन तब तक दूसरा व्यक्ति गंगा की तेज धाराओं में ओझल हो चुका था वही मौके पर पहुंची एसडीआरएफ के जवानों ने गंगा में रेस्क्यू अभियान चलाया, लेकिन व्यक्ति का कहीं कुछ पता नहीं चल पाया था
जानकारी है कि लखनऊ के छह दोस्त शनिवार को मुनिकीरेती पहुंचे। ओर कल शाम सभी दोस्त सच्चा धाम आश्रम के समीप गंगा किनारे बैठे हुए थे। इस दौरान आसपास क्षेत्र में घूम रहे उत्पाती बंदरों ने उन्हें परेशान कर दिया। बंदरों से बचने के दौरान दुर्गेश गुप्ता 28 पुत्र विनोद गुप्ता और निवासी रहिमाबादा थाना सरोजनीनगर लखनऊ और सुदर्शन 32 पुत्र राजकुमार निवासी न्यू प्रेमनगर आलमबाग लखनऊ का अचानक गंगा में पैर फिसल गया। जिसमें से सुदर्शन को लगभग 50 मीटर की दूरी पर स्थानीय होटल में काम कर रहे हर्ष वर्मा नामक युवक ने सकुशल बचा लिया।
लेकिन तब तक दूसरा युवक दुर्गेश गंगा की तेज धाराओं में ओझल हो गया। थाना पुलिस ने बताया कि ये सभी दोस्त बीते 13 अगस्त को लखनऊ से हरिद्वार आए थे। शनिवार को सभी दोस्त ऋषिकेश पहुंचे। जहां वे नीलकंठ मंदिर में दर्शन करने के बाद तपोवन आ गए। शाम को सभी युवक गंगा किनारे पत्थर पर बैठ गए। कहा इस दौरान यहां बंदर आ गए, बंदरों से बचने के लिए दो युवकों को पैर फिसल गया। जिसमें एक को बचा लिया गया। जबकि दूसरी गंगा की तेज धाराओं में ओझल हो गया है। दोस्तों ने बताया कि दुर्गेश लखनऊ में एमआर है।

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