उत्तराखंड राज्य में कर्मकार कल्याण बोर्ड लंबे समय से चर्चाओं में है जिसकी मुख्य वजह है कि बोर्ड के अध्यक्ष और कर्मकार कल्याण के मंत्री हरक सिंह रावत के बीच तनातनी लंबे समय से देखी जा रही है। हालांकि इस तनातनी के बीच मामला यहां तक पहुंच गया है कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने बोर्ड के अध्यक्ष को हटाने के लिए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत तक से पैरवी कर दी है। यही वजह है कि अध्यक्ष को हटाए ना जाने से कैबिनेट मंत्री इन दिनों सरकार से काफी खफा नजर आ रहे है।
बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, लगातार झूठी बयानबाजी कर रहे हैं। यही नहीं शमशेर ने कहा कि वह पिछले 40 सालों से भाजपा के कार्यकर्ता हैं और प्रदेश भाजपा के भीतर कई जिम्मेदारियों का निर्वहन भी कर चुके हैं लेकिन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत द्वारा जिस तरह से अनर्गल बयानबाजी की जा रही है वह सीधे तौर पर उनके ऊपर एक आक्रमण है। सत्याल ने बताया कि इससे पहले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत इस बोर्ड के अध्यक्ष थे लेकिन इनका कार्यकाल पूरा होने के बाद त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में इन्हें दायित्व देते हुए बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया।
सत्याल ने बताया कि जब उन्होंने बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था उस दौरान इन्हें बोर्ड के भीतर कई वित्तीय अनियमितताएं दिखाई दी थी जिसके चलते इन्होंने जांच करायी, जिसमें करोड़ों रुपए के वित्तीय अनियमितताएं सामने आयी। हालांकि, जो जांच कराई गई है वो पूरी तो हो गयी है लेकिन उसकी रिपोर्ट शासन में लंबित पड़ी हुई है ऐसे में सत्याल ने राज्य सरकार से मांग की है कि उस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए ताकि स्थितियां स्पष्ट हो सके।
सत्याल ने कहा कि उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने सचिव को निकाल दिया था। लेकिन सत्याल का कहना क़ी उन्होंने सचिव को नहीं निकाला बल्कि बोर्ड की हुई बैठक में पूर्व सचिव दीप्ति सिंह को निकालने का निर्णय लिया था। जिसके बाद एक अप्रैल को बोर्ड के नए सचिव के रूप में मधु नेगी चौहान ने पदभार संभाला। जिन्हें करीब 82 दिन हो गए हैं बावजूद इसके अभी तक बोर्ड में कोई कार्य नहीं किया गया है। जिसे देखते हुए सत्याल ने शासन के आला अधिकारियों से भी इस बाबत बातचीत की थी लेकिन अभी तक इस पर कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है।
मौजूदा समय में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल के बीच चल रहे घमासान जारी है। हालांकि बीते दिन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए एक बड़ा बयान दिया था जिसमें हरक सिंह रावत ने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री जिस डाल पर बैठे हैं उसी डाल को काट रहे हैं जिसके जवाब में बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भाजपा के वटवृक्ष है। ऐसे में डाल पर कौन रहता है यह सभी जानते हैं। साथ ही शमशेर ने यहां तक कह दिया कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत लगातार झूठी बयान बाजी कर रहे हैं। ऐसे में प्रदेश नेतृत्व और मुख्यमंत्री को शमशेर का संरक्षण करना चाहिए।
सत्याल ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने दायित्वधारियों को गनर दिया था जिसे हटा लिया गया है ऐसे में उन्होंने दोबारा गनर दिए जाने को लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र लिखा है। हालांकि, इससे साफ जाहिर है कि सत्याल को खुद अब इस बात का डर सताने लगा है कि उन्होंने सीधे कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत से टक्कर ले ली है ।
पूर्व मुख्यमंत्री हैं भाजपा के वटवृक्ष
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर की गई बयानबाजी को सत्याल ने निराधार बताते हुए कहा कि त्रिवेंद्र भारतीय जनता पार्टी के वटवृक्ष हैं. यह बात सभी को पता है कि डालों पर कौन लोग रहते हैं. सत्याल ने इशारों-इशारों में ये बात भी कह दी कि हरक सिंह रावत मूल रूप से भाजपा के नहीं बल्कि वो कांग्रेस से आए हुए नेता हैं, जिसके चलते इस तरह के बयानबाजी कर रहे हैं.