• रोजाना तीन लोगों की जान ले रहीं प्रदेश की सड़कें, रिपोर्ट में खुलासा, देश में आठवें नंबर पर

प्रदेश में वर्ष 2021 में 1405 हादसों में 820 की मौत, 1091 घायल हुए थे जो आंकड़ा 2022 में बढ़ गया। 2022 में 1674 हादसों में 1042 की मौत और 1613 घायल हुए हैं। मौतों का आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले 27.07 प्रतिशत और हादसों का आंकड़ा 19.10 प्रतिशत बढ़ गया है।
राज्य की सड़कें रोजाना औसतन तीन लोगों की जान ले रही हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट से ये खुलासा हुआ है। हर 100 हादसों में 62 प्रतिशत लोग जान गंवा रहे हैं, जिससे उत्तराखंड देश में आठवें स्थान पर है।

रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में होने वाले हर 100 हादसों में 62.2 फीसदी लोगों की मौत होती है। इस मामले में उत्तराखंड का देश में आठवां स्थान है, जबकि सड़क हादसों में देश में 23वां स्थान है।

घना कोहरा या बरसात राज्य में सड़क हादसों का सबब नहीं है। रिपोर्ट पर गौर करें, तो खिली धूप में ज्यादा हादसे हुए हैं। खिली धूप में राज्य में 1,423 हादसों में 917 की मौत हुई और 1,388 घायल हुए। बारिश के मौसम में 166 हादसों में 76 की मौत और 149 घायल, कोहरे में 71 हादसों में 31 की मृत्यु और 63 घायल, ओलावृष्टि में दो हादसों में कोई मौत नहीं, तीन घायल हुए। अन्य 12 दुर्घटनाओं में 18 की मृत्यु व 10 घायल हुए हैं।

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