एसजीआरआर मेडिकल कॉलज को फीस निर्धारण न होने का भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा.. और क्यों था छात्र छात्राओं का धरना प्रदर्शन असंवैधानिक पढ़िए पूरी रिपोर्ट..

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एसजीआरआर मेडिकल कॉलज को फीस निर्धारण न होने का भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा.. और क्यों था छात्र छात्राओं का धरना प्रदर्शन असंवैधानिक पढ़िए पूरी रिपोर्ट..

 

तारीख 1 मार्च 2023 क़ो एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया था कि उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश पर राज्य में मेडिकल की फीस निर्धारण के लिए गठित प्रवेश एवम् शुल्क नियामक समिति ने एमबीबीएस व पीजी की लंबित फीस प्रकरण मामले पर आदेश जारी कर दिए हैं। प्रवेश एवम् शुल्क नियामक समिति ने 25 फरवरी 2023 को जारी आदेश में फीस निर्धारण के लंबित प्रकरण पर फैसला सुना दिया है।अब आदेश के अनुसार छात्र-छात्राओं को लंबित फीस का भुगतान करना होगा।
उन्होंने कहा था कि एमबीबीएस 2018-19, निर्धारण का मामला कई वर्षों से विचाराधीन था। एसजीआरआर मेडिकल कॉलज को फीस निर्धारण न होने का भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा है.
उन्होंने कहा कि वर्षाें की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद एमबीबीएस व पीजी की विचाराधीन फीस प्रकरण पर फीस निर्धारित हो पाई है वही गुरु राम राय मेडिकल कॉलेज के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी के अनुसार न्यायालय के निर्देशन पर राज्य सरकार ने छात्र छात्राओं से एफिडेविट भरवाने की व्यवस्था करवाई थी..
उधर इस पूरे प्रकरण पर एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज सहित हिमालयन मेडिकल कॉलेज का केस उच्च न्यायालय नैनीताल में विचाराधीन था
उच्च न्यायालय नैनीताल ने इस विषय पर दोनों कॉलेजों के पक्ष में फैसला सुनाया इस बीच कॉलेज निरंतर संघर्ष करता रहा। कॉलेज के विकास कार्य प्रभावित हुए। यदि देश भर के मेडिकल कॉलेजों के तत्कालीन वर्षों की एमबीबीएस व पीजी सीटी कों तुलना की जाए तो एसजीआरआर इंस्टीट्यूट ऑॅफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज की तुलना में उन कॉलेजों की फीस 4 से 5 गुना तक अधिक है।
यदि उत्तराखण्ड राज्य की ही बात की जाए तो हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑॅफ मेडिकल साइंसेज़, जौलीग्रांट में 18 लाख फीस है। उच्च न्यायालय नैनीताल ने इस बिन्दु पर श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज के पक्ष में फैसला सुनाया है। इसके अनुसार एक राज्य में दो विश्वविद्यालयों के लिए फीस तय करने के मानक अलग अलग नहीं हो सकते हैं।
लेकिन इसके बाद छात्र छात्रओ ने 13 मार्च से गुरु राम राय मेडिकल के गेट के बाहर धरना प्रदर्शन आरंभ कर दिया था.. और उनके धरने में कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए इस धरने में शामिल होते देखे गए तो कुछ छात्र छात्रा को भड़काने वाले.. गुरु राम राय मेडिकल कॉलेज के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि श्री गुरु राम राय मेडिकल कॉलेज गेट पर असंवैधानिक तरीके से प्रदर्शन किया गया और असमाजिक तत्व आदेश की गलत व्याख्या करके माहौल को खराब कराने की कोशिश की उन्होंने कहा कि
माननीय सर्वोच्च न्यायाल के निर्देशन पर राज्य में प्रवेश एवम् शुल्क नियामक समिति का गठन हुआ। मेडिकल कॉलेजों में फीस निर्धारण के लिए राज्य में प्रवेश एवम् शुल्क नियामक समिति एक अधिकृत समिति है। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद निर्धारित फीस का भुगतान छात्र-छात्राओं को करना चाहिए..

वही गुरु राम राय मेडिकल कॉलेज का मामला सदन में भी उठा.. इसके बाद कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत ने तर्क देते हुए विपक्ष को जानकारी से अवगत कराया

बहराल गुरु राम राय मेडिकल के छात्र छात्राओ ने पूरे प्रकरण को बारीकी से समझने के बाद 15 मार्च की दोपहर को बिना शर्त के धरना समाप्त कर दिया था
कुल मिलाकर अगर ये कहा जाए कि.. समय-समय पर गुरु राम राय एजुकेशन मिशन की बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर कुछ लोग मिशन की छवि खराब करने का काम समय-समय पर खराब करते आए हैं.. तो ये गलत ना होगा …

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