मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड में नए पार्किंग क्षेत्र विकसित करने के सम्बन्ध में सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्यों में पार्किंग एक बहुत बड़ी समस्या है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में अगले एक साल के भीतर पार्किंग स्थल विकसित करें। उन्होंने कहा कि अपने अपने जनपदों में भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार सर्फेस पार्किंग, मल्टीलेवल पार्किंग और कैविटी पार्किंग के स्थल चिन्हित कर लें। साथ ही, उनकी प्राथमिकता भी सुनिश्चित कर ली जाए ताकि जिन जगहों पर पार्किंग की समस्या ज्यादा बड़ी है उन पर पहले फोकस किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि रेल विकास निगम लिमिटेड काफी अच्छी तरह से टनल निर्माण के क्षेत्र में कार्य कर रहा है। आरवीएनएल द्वारा नॉर्वे की टनल तकनीक से 5 दिन में एक किलोमीटर टनल बनाई जा रही है। आरवीएनएल को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा रोड पर भी अधिक से अधिक पार्किंग स्थलों की व्यवस्था की जाए। मुख्य सचिव ने इसके प्रत्येक कार्य के लिए समय सीमा निर्धारित करते हुए साप्ताहिक मॉनिटरिंग की जाए।

बैठक के दौरान सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि पिछले एक वर्ष में प्रदेश में विभिन्न प्रकार की पार्किंग के लिए 27 स्थल चिन्हित किए गए हैं, जिनका विभिन्न स्तरों में कार्यवाही गतिमान है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव  आर. के. सुधांशु, सचिव  बृजेश कुमार संत सहित वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों से जिलाधिकारी एवं अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

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